छत्तीसगढ़रायपुर

उच्चत्तर माध्यमिक शाला मोहरेंगा का नया नामकरण विवादों में घिर गया है, दोनों पक्ष कर रहे हैं आंदोलन 

आवाम दूत तिल्दा/खरोरा,ब्लॉक रिपोर्टर रवि कुमार तिवारी
समीपस्थ ग्राम मोहरेंगा के ग्रामीणों द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा स्थानीय विधायक श्रीमती अनीता शर्मा के आग्रह पर स्व मंडलदास गिलहरे के नाम को चिन्हित करने के मांग पर स्थानीय उच्चत्तर माध्यमिक शाला मोहरेंगा का नाम स्व मंडलदास गिलहरे के नाम पर करने की घोषणा की गयी थी जिसके विरोध मे ग्रामीणों द्वारा निरंतर तीन दिनों तक खरोरा तिल्दा मार्ग मे चक्का जाम कर नाम वापस लेने हेतु आंदोलन किया गया, क्योंकि इस प्रक्रिया मे शाला समिति, ग्रामीण जन या ग्रामपंचायत की कोई सहमति नहीं ली गयी और एकाएक ही घोषणा कर दी गयी जो नियम विरुद्ध है और इसी कड़ी मे सतनामी समाज द्वारा स्व मंडलदास गिलहरे के नाम पर राजनीती और अपमान करने को लेकर तथा स्थानीय व्यक्तियों द्वारा समाज के बच्चो को स्कूल मे जाने से रोकना तथा गाली गलौज करना पुरे सतनामी समाज का अपमान मानकर थाना तथा तहसील मे भाजपा नेता और सरपंच के खिलाफ स्थानीयजन तथा स्कूल छात्रों को उकसाने को लेकर ज्ञापन प्रेषित किया गया तथा उचित कार्यवाही की मांग की गयी व कार्यवाही नहीं होने पर सतनामी समाज द्वारा उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गयी थी । वही 13 अगस्त को मोहरेंगा स्कूल के सामने स्थानीय समाज द्वारा रैली के रूप मे आंदोलन की शुरुवात कर दी गयी है, दोपहर 12 बजे स्थानीय जैतखाम मे गुरुघासीदास जी की पूजा अर्चना के साथ आस पास के सतनामी बंधु रैली मे सम्मिलित हुये, जिसमे बहुत संख्या मे क्षेत्र के सतनामी जन उपस्थित है तथा रैली के माध्यम से सतनाम समाज के अपमान के विरोध मे तथा समाज के मंडलदास गिलहरे के नाम पर शाला का नाम रखने के आभार और पक्ष मे आंदोलन कर रहे है स्थानीय खरोरा के पार्षद सुरेन्द्र गिलहरे द्वारा अपने वक्तव्य में कहा गया कि मंडलदास गिलहरे एक आमजन ना होकर सामाजिक कार्यकर्ता के रूप मे अपना जीवन यापन किये है। अतः यह घोषणा उचित है इस पर ग्रामवासी किसी के बहकावे मे आकर विरोध न करे, आंदोलन मे मुख्य रूप से मंडलदास गिलहरे के कार्यों को याद किया गया और स्व मंडलदास गिलहरे अमर रहें के नारे लगते रहे, साथ मे मुख्यमंत्री और विधायक जी का आभार के साथ पूर्व विधायक देवजी भाई पटेल तथा समाज के दलालो का विरोध करते हुए उनका पुतला दहन किया गया ।इसी कड़ी मे गाँव के सरपंच सरजू राम का कहना है कि हमारे आंदोलन का उद्देश्य किसी समाज का अपमान करना नहीं है चुंकि स्कूल गांव की जमीन पर बनी है तथा स्व मंडलदास गिलहरे की स्कूल मे कोई विशेष भूमिका नहीं रही है अतः यह घोसणा अनुचित है जिसमे सुधार हो, यही हमारी मांग है और हम समस्त ग्रामवासी द्वारा आंदोलन से पहले ही विधायक जी को इस संदर्भ मे आवेदन प्रस्तुत कर अवगत कराया गया था, जिस पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी अतः आंदोलन करना पड़ा तथा सतनामी समाज द्वारा जो भी आरोप लगाए गए है वो निराधार है अब देखना होगा की शासन प्रशासन का इस ओर क्या रुख अपनाती है । ये आंदोलन निरंतर एक सप्ताह से चल रहा है जो सुलझने के बजाये उलझते दिखाई दे रहा है। इसे एक राजनीती का रूप दिया जा रहा है तथा स्थानीय राजनीती गर्म है और सभी अपनी रोटी सेकने मे लगे है जिससे आमजन के भावनाओ और जनजीवन अस्त व्यस्त है। इस आंदोलन मे स्थानीय प्रशासन द्वारा उचित सुरक्षाबलो की पहरेदारी पहले से लगा दी गयी है जिससे कोई अप्रिय घटना न घटे क्योंकि पुरे देश मे आजादी के 75 वे महोत्सव का आयोजन हो रहा है तथा स्वतंत्रता दिवस भी सामने है अतः जहां पूरा देश आजादी का उत्सव मना रहा है वही मोहरेंगा वासी इस आंदोलन मे भिड़े हुए है इस मामले पर आला अफसर और जिम्मेदार प्रदेश के राजनेताओं को सामने आकर संज्ञान लेना चाहिए जिससे समस्या का उचित समाधान हो सके। अगर सही समय में इसका समाधान नहीं किया गया तो यह आंदोलन और उग्र रूप लेगी, जो ग्रामवासियों के साथ साथ उस रोड से गुजरने वाले हजारों राहगीरों के लिये बड़ी मुसीबत बनेगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button