छत्तीसगढ़रायपुर

पीएससी सिविल सेवा और प्यून भर्ती के नतीजे अटके….

  रायपुर  | राज्य सिविल सेवा परीक्षा-2021 और प्यून भर्ती के नतीजों के लिए उम्मीदवारों को अभी और इंतजार करना होगा। इसी तरह पीएससी की बाकी परीक्षाओं के नतीजे भी अभी जारी नहीं होंगे। हाई कोर्ट की ओर से आरक्षण को लेकर दिए गए फैसले का असर छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ही नहीं पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय और दूसरी सरकारी एजेंसियों की भर्तियों पर भी हुआ है।

आने वाले दिनों में जो भर्तियां निकलने वाली थी वो भी नहीं निकल पा रही हैं। पीएससी-2021 के तहत सिविल सेवा के 171 पदों के लिए 20 से 30 सितंबर तक इंटरव्यू आयोजित किए गए थे। हाईकोर्ट से आरक्षण के फैसले के बाद इसके अंतिम नतीजे रोक दिए गए हैं। आमतौर पर इंटरव्यू के आखिरी दिन फाइनल लिस्ट जारी हो जाती है। लेकिन इस बार नतीजे जारी नहीं हुए।

इस भर्ती में 58 प्रतिशत आरक्षण के आधार पर पद विज्ञापित हुए थे। इसके अनुसार ही प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू हुए। हाई कोर्ट ने 58 प्रतिशत आरक्षण के नियम को फिलहाल खत्म कर दिया है। अब रिजल्ट को लेकर शासन की गाइडलाइन का इंतजार किया जा रहा है।

रविवि में प्रोफेसर भर्ती के लिए विज्ञापन अभी नहीं
प्रोफेसरों के रिटायर होने के बाद रविवि में प्रोफेसरों की कमी है। यह वजह है कि शासन ने 69 पदों पर भर्ती की अनुमति दी है। इसके अनुसार प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर भर्ती होने वाली थी। विवि में इसके लिए तैयारी की जा रही थी। लेकिन अब यहां भी भर्ती रूक गई है। अफसरों का कहना है कि जब तब आरक्षण से संबंधित गाइडलाइन जारी नहीं हो जाती तब तक भर्ती नहीं िनकलेगी। रविवि ने भी 58 प्रतिशत आरक्षण के अनुसार ही विज्ञापन जारी करने की तैयारी की थी। अब रोस्टर क्या होगा यह शासन के निर्देश से ही तय होगा।

व्यापमं ने नए सिरे से तैयारी शुरू की
छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) की ओर से आने वाले महीनों में जो भर्तियां निकाली जा रही है उसमें 50 फीसदी आरक्षण ही रखा जाएगा। आरक्षण से फिलहाल व्यापमं की परीक्षाएं प्रभावित नहीं हो रही हैं। विभागों से मिले प्रस्ताव के आधार पर व्यापमं से भर्ती परीक्षा या अन्य परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। इस पर हाई कोर्ट का फैसला लागू किया जा रहा है। गौरतलब है कि व्यापमं से नतीजे जारी होने के बाद व्यापमं से मेरिट लिस्ट संबंधित विभाग को भेजी जाती है। इसके बाद ही वहां से नियुक्ति होती है।

लेकिन, मेडिकल पीजी में पुराने आरक्षण से एडमिशन
इधर दूसरी ओर मेडिकल काॅलेजाें के पाेस्ट ग्रेजुएट (पीजी) काेर्स में एडमिशन अब हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार होंगे। हाई कोर्ट के फैसले के बाद डीएमई ने गाइडलाइन के लिए शासन को चिट्‌ठी लिखी थी। अब सामान्य प्रशासन विभाग ने हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार ही एडमिशन देने कहा है। नए आरक्षण में अनरिजर्व व एससी कैटेगरी के छात्रों को 12 फीसदी सीटों का फायदा होगा।

इसमें सबसे ज्यादा 8 फीसदी सीटों का फायदा अनारक्षित कैटेगरी के छात्रों को होगा। पिछले साल तक एसटी को 32, ओबीसी को 14 व एससी को 12 फीसदी आरक्षण मिल रहा था। अब एसटी को 20, एससी को 16 व ओबीसी को 14 फीसदी आरक्षण के हिसाब से सीटों का आवंटन होगा। हालांकि हाई कोर्ट के फैसले को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

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