छत्तीसगढ़रायपुर

किसानों की मांग पर बंगोली के साथ कनकी सिंचाई उपसंभाग के ग्रामों में फिर पहुंचा सिंचाई पानी

रायपुर । दीर्घावधि धान की फसल को एक और सिंचाई पानी की आवश्यकता को देखते हुये किसानों की मांग पर गंगरेल से छोड़ा गया पानी बीते कल बुधवार को बंगोली सिंचाई उपसंभाग के ग्रामों के साथ कनकी सिंचाई उपसंभाग के अंतिम सीमा रेखा सिलपट्टी क्रास रेगुलेटर तक 129 किलोमीटर की दूरी तय कर पहुंच गया है ।
      ज्ञातव्य हो कि गंगरेल से निकले महानदी मुख्य नहर में पानी का प्रवाह अचानक थम जाने से दीर्घावधि धान की‌ फसल बोने वाले बंगोली एवं कनकी सिंचाई उपसंभाग के ग्रामों के किसान सकते में आ गये थे । बंगोली सिंचाई उपसंभाग के किसानों द्वारा अपने स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से जल प्रबंध संभाग क्रमांक 1 के कार्यपालन अभियंता एम बोरकर सहित मुख्य अभियंता ए के नगरिया को जानकारी पर गंगरेल से छोड़ा गया पानी 101 किलोमीटर की दूरी तय कर बुडेनी क्रास रेगुलेटर तक पहुंचा ही था कि इसी क्रास रेगुलेटर के पास से निकले करीबन 84 किलोमीटर लंबे भाटापारा शाखा नहर के शुरुआती 29 किलोमीटर तक का क्षेत्राधिकार रखने वाले तिल्दा जल प्रबंध संभाग के अधीनस्थ कनकी सिंचाई उपसंभाग के ग्रामों के किसानों ने भी नहर पानी न मिलने पर दीर्घावधि की धान फसल न पक पाने की जानकारी अपने अनुविभागीय अधिकारी एम पी वर्मा व सब इंजीनियर ए के नागपुरे को देते हुये सिंचाई पानी के लिये मांगपत्र सौंपना शुरू कर दिया । इनके माध्यम से जानकारी मिलने पर संबंधित कार्यपालन अभियंता के के‌ खरे ने जहां श्री नगरिया का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया वहीं रायपुर जिला जल उपभोक्ता संस्था संघ के अध्यक्ष रहे भूपेन्द्र शर्मा ने जल संसाधन मंत्री रवीन्द्र चौबे सहित श्री नगरिया से किसानों की मांग को देखते हुये अंतिम सिंचाई के लिये पानी देने का आग्रह किया । आज मालीडीह सिंचाई पंचायत के अध्यक्ष रहे हिरेश चंद्राकर के साथ बुडेनी व सिलपट्टी क्रास रेगुलेटर तक जा निरीक्षण करने के बाद श्री शर्मा ने जानकारी दी है कि सिलपट्टी क्रास रेगुलेटर पर पानी को रोक कनकी सिंचाई उपसंभाग के जरुरतमंद ग्रामों तक पानी पहुंचाने का काम शुरू हो गया है । उन्होंने सिंचाई पानी देना बंद करने के 4 – 5 दिन पहले ग्रामों में मुनादी कराने व पंचायतों से सिंचाई पूर्ण होने का लिखित लेने का आग्रह सिंचाई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से किया है ताकि किसान सचेत रहें व अनावश्यक मांग न हों ।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button