आरंग

संत घासीदास बाबा के जीवन को पढ़ने की आवश्यकता है: आचार्य हिमांशु कृष्ण

आरंग। श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिन आरंग नगर में गोवर्धन पर्वत की पूजा अर्चना के साथ है भागवताचार्य हिमांशु कृष्ण भारद्वाज ने बताया कि भारत का समाज ज्ञान और त्याग की पूजा करता है। हमारे भारत में संतों के पास धन नहीं होता लेकिन उनका त्याग होता है उनके त्याग और तपस्या को ही प्रणाम किया जाता है, क्योंकि भारत ने बहुत सी चीज दिया है और खोया है। इसलिए भारत को भविष्य में विश्व गुरु बनाने से कोई नहीं रोक सकता। भारत एक दिन विश्व गुरु बनेगा क्योंकि संतो और गुरुओ की कृपा से ही भारत आज तरक्की के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है।

 

संत घासीदास बाबा के जीवन को पढ़ने की आवश्यकता है…. आचार्य हिमांशु कृष्ण

श्रीमद् भागवत कथा के दौरान आचार्य श्री ने कहा कि संत जो भी हो वह जनकल्याण की भावना से काम करते हैं जैसे संत गुरु घासीदास बाबा ने भी सभी मनुष्य को एक समान एक ही नजर से देखा इसीलिए उन्होंने मनके मनके एक समान की परिभाषा समाज को दी और आज पूरा समाज गुरु घासीदास बाबा के बताए मार्ग पर चलने के लिए संकल्पित हो चुके हैं इसलिए संतों का सम्मान होना चाहिए।

छत्तीसगढ़ की भूमि पर शराब की वजह से अपराध बढ़ा है…

छत्तीसगढ़ बहुत सुंदर है पर आज के समय में प्रदेश के सभी घरों में कोई न कोई शराब का आदी हो चुका है मनुष्य का जन्म बड़े संघर्षों के साथ मिलता है इस प्रार्थना गवाएं इस सरकार से भी निवेदन है कि इस तरह घर को बर्बाद ना करें ऐसी चीजों को समाज में नहीं लाना चाहिए इस प्रदेश के राजा सामर्थ रखते हैं तो उन्हें शराब बंद करना चाहिए यह वह चीज है जो घर परिवार और समाज को बर्बाद करता है। छत्तीसगढ़ आज कर्ज में डूब चुका है छत्तीसगढ़ में लोहा सोना यहां पर है उसके बाद भी कर्ज में डूब चुका है। मैं खुलकर मंचों में इस बार लेता हूं कि भारत को सोने की चिड़िया बनाना है और जब तक भारत सोने की चिड़िया नहीं बनेगी तब तक हमारी चिड़िया बोलते रहेगी।

छत्तीसगढ़ मे खनिज संपदा होने के बाद भी कर्ज में डूब चुका है

भगवताचार्य ने कथा के दौरान कहा कि छत्तीसगढ़ में वृहत मात्रा में खनिज संपदा होने के बावजूद छत्तीसगढ़ कर्ज से डूबते जा रहा है यह कर्ज छत्तीसगढ़ का राजा नहीं पटाएगा बल्कि वहां की प्रजा को कर्ज पटाना पड़ेगा। ऐसे में इस प्रदेश के राजा को सोचना चाहिए की जब इस प्रदेश में खनिज संपदा कूट-कूट कर भरा हुआ है तो फिर प्रदेश की जनता को कर्ज में डूबाने का क्या मतलब। जनता को अपना राजा चुनने से पहले इस बात पर ध्यान देना होगा कि कौन सा राजा उन्हें कर्ज से उबार सकता है और कर्ज से उतारने वाले राजा को ही जनता को प्राथमिकता देना चाहिए।

अहंकार और घमंड मनुष्य को खा जाता है…

महाराज श्री ने कथा में बताया कि एक बार द्रोणाचल पर्वत का पुत्र गोवर्धन को पुलत्स्य ऋषि गोवर्धन पर्वत को लेकर आगे बढ़े। जैसे-जैसे आगे बढ़ते गए वैसे वैसे गोवर्धन पर्वत अपने रूप को विशाल बनाने लगे। ऋषि गोवर्धन पर्वत को काशी ले जा रहे थे। गोवर्धन पर्वत का स्वरूप जब विसाल होते गया तब ऋषि उनका भार सहन नही कर सके और गोवर्धन पर्वत को उसी जगह मे रख दिए जहां पे गोवर्धन विराजित हो गया तब पुलत्स्य ऋषि ने गोवर्धन को श्राप दिया कि हर दिन तिनके के समान तेरा स्वरूूूप कम होगा।

बाद में भगवान कृष्ण ने गोवर्धन की पूजा कराने के लिए मानसी गंगा प्रकट किया गया। उसके बाद इंद्र नाराज होकर वहां पर भारी बारिश कराने लगे। भगवान कृष्ण ने पुलत्स्य ऋषि को बुलाया और राम जन्म में सीता की रसोई में जिस ऋषि ने भोजन कराया गया था आज कृष्ण जन्म में उन्हीं ऋषि पुलत्स्य को पानी पिलाया गया। क्योंकि सीता जी को उस समय पानी लानेे में विलंब हो गया था तो भगवान राम ने कहा था कि अगले बार जब मैंं धरती पर आऊंगा, तो आपको पानी पिलाउंगा। भगवान कृष्ण ने पर्वत के पीछे ऋषि को खड़ा किया और इंद्र के द्वारा किए गए बारिश की पानी को पीने का आग्रह किया पानी पीकर ऋषि तृप्त हुए इस तरह इंद्र का अभिमान चूर चूर हो गया ।

श्रीमद्भगवत महापुराण में मुख्य यजमान के रूप में  सुशीला वेदराम मनहरे, ललिता कृष्णा वर्मा, रानू महेश्वर वर्मा, भगवती शेखर सोनकर, अंजू भागवत वर्मा, स्वाति राहुल गोस्वामी, नीलम दीपक बघेल, करुणा जगदीश देवांगन, रमा अशोक साहू, सुनीता वर्मा राम  वर्मा, मौजूद थे इसके साथ ही

श्रीमद् भागवत कथा में मुख्य अतिथियों के रूप में मंत्री शिव डहरिया, डॉक्टर ममता साहू, पूर्व विधायक डॉ विमल चोपड़ा, जिला ग्रामीण अध्यक्ष अभिनेश बॉबी कश्यप, अलका चंद्राकर, कुलेश्वर बैस, और हरिओम शर्मा के साथ 10000 से ऊपर की संख्या में भक्तों की उपस्थिति रही।

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