गरियाबंद

पुलिस पर पथराव के लिए ग्रामीणों को भड़काने वाला ‘मास्टर’माइंड निलंबित…

गरियाबन्द हाइवे पर जाम फिर पुलिस पर पथराव के लिए ग्रामीणों को भड़काने वाला ‘मास्टर’माइंड निलंबित किया गया।पंचायतों में पहले भी हुए बवाल में भी मास्टर का हाथ होता था। साल 2022 जाते जाते पर्दर्शन का एक काला अध्याय लिख गया विगत 21 नवम्बर को धान खरीदी केंद्र खोलने के लिए कांडकेला के 200 से ज्यादा महिला पुरुष नेशनल हाइवे 130 सी में धुरूवागूड़ी के पास एकत्र होकर प्रदर्शन कर रहे थे,शांति पूर्ण प्रदर्शन देखते ही देखते दोपहर 2 बजे तक उग्र आंदोलन में बदल गया।

जाम में फंसे 10 से भी ज्यादा माल वाहक गाड़ियों पर पथराव कर दिया गया था,भड़के ग्रामीणों ने ड्यूटी पर तैनात पुलिस वालो को तक नही बख्शा, एक सब ईन्स्पेक्टर के पांव फेक्चर हो गए,कई जवान घायल हुए,पुलिस वाहन को तक भीड़ ने पलट दिया था।मामले में 26 लोगो के खिलाफ बलवा ,दँगा, मारपीट के अलावा सरकारी संपत्ति नुकसान व ड्यूटी में तैनात कर्मियों पर हमला के 10 से भी ज्यादा धाराओ के तहत मामला पंजीबद्व किया गया था।गांव में बैठक कर ग्रामीणों को उकसाने वाला सहायक शिक्षक भोजलाल सागर को शिक्षा विभाग के सहायक उपसंचालक के कुमार ने निलंबित कर दिया है।बीइओ मैनपुर आर आर सिंह ने कार्यवाही कि पुष्टि करते हुए बताया कि धुरूवागुढी में पदस्थ शिक्षक (एल बी) की कृत्य गम्भीर कदाचरण एव अनुशासनहीनता के दायरे में आता है।उसे निलंबित किया गया है।

सरपँच हटाने हुए आंदोलन में भी मास्टर की भूमिका होती थी- नवम्बर माह में हुए आंदोलन के पहले अगस्त में भी ऐसा ही बड़ा आंदोलन ग्रामीणों ने धुरुवागुड़ी में किया था।उस समय भी शिक्षक की भूमिका थी। तत्कालीन सरपँच रामिन बाई द्वारा 2 अगस्त को एसडीएम व एसपी के नाम लिखे एक शिकायत पत्र में बताया गया था कि सड़क मरम्मत की राशि मे शिक्षक भोजलाल द्वारा जबरिया 20 हजार रख लिया गया।मांगने पर सरपँच सचिव के खिलाफ झूठी शिकायत लिख कर ग्रामीणों को आगे किया जाता है।बताया गया कि ब्लॉक मैनपुर में सर्वाधिक 7 बार पँचायत की जांच कंडेकेला की हुई।हर जांच में स्कूल छोड़ कर शिक्षक जांच कर्ता अफ़सरो के सामने पैरवी करता नजर आता है।

ग्रामीण व पँचायत प्रतिनिधियों के पास मास्टर के कई वीडियो भी मौजूद है जिसमे वह नेतागिरी करते दिखाई व सुनाई दे रहा है। फोटो- पँचायत के एक जांच में जांच दल के सामने शिकायत की पैरवी करते नजर आ रहा है मास्टर,स्कूल टाइम में नेतागिरी की पहचान छुपाने मुँह में मास्क लगा लेता था।

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