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अनियमित कर्मचारी पर बोले भूपेश बघेल बैठकें हो चुकी हैं, डाटा मिलेगा तब लेंगे नियमित करने का फैसला

रायपुर: प्रदेश के अनियमित कर्मचारी आंदोलन करने जा रहे हैं। बजट में उनके लिए किसी भी तरह का प्रावधान न किए जाने से कर्मचारियों का बड़ा वर्ग नाराज है। कर्मचारी संगठनों को नियमित किए जाने की उम्मीद थी। कर्मचारियों की नाराजगी और आंदोलन करने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि हमने विभागों से जानकारी मांगी है, जानकारी ही नहीं मिली है तो कैसे फैसला किया जाए।

मुख्यमंत्री गुरुवार को रायपुर से दंतेवाड़ा रवाना हुए। इससे पहले हैलीपैड पर मीडिया को जवाब देते हुए बोले- हम किसी को आंदोलन करने से नहीं रोकते, मगर इस बार सत्र में सवाल उठा है। पिछले सत्रों में सवाल उठाए गए थे अनियमित कर्मचारियों के बारे में। अभी तक विभिन्न विभागों से संविदा कर्मी और दैनिक वेतन भोगियों के लिए समिति बनी।

बैठकें हो चुकी है जानकारी मांगी है। अभी तक 24 विभागों की जानकारी आई है। करीब 22 विभागों से जानकारी नहीं आई है। पूछा गया है कि कर्मचारी की किस कैटेगरी में भर्ती हुई, क्या पद है जब तक पूरा डाटा नहीं आएगा उसमें विचार कैसे किया जा सकता है, जब पूरी जानकारी आएगी तो विचार करेंगे।

इधर कर्मचारी संगठनों में गुस्सा

अनियमित कर्मचारी मोर्चा के प्रदेश संयोजक गोपाल साहू ने कहा कि कांग्रेस सरकार का अंतिम बजट हमारे जैसे कर्मचारियों के लिए निराशाजनक है। ने अपनी अंतिम बजट में अनियमित कर्मचारियों के लिए किसी प्रकार का प्रावधान न कर इनके अधिकारों और सपनों को कुचले का काम किया है। इसलिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा। इसके लिए 12 मार्च को नया रायपुर के धरना स्थल तुता में अनियमित कर्मचारी सभा का आयोजन किया जाएगा।

विधानसभा में सामने आया था सरकार का रुख

इससे पहले सदन की कार्यवाही के दौरान अनियमित कर्मचारियों के मुद्दे की गूंज सुनाई दी। मुख्यमंत्री ने नियमितीकरण पर सदन में लिखित में जवाब दिया है। विधायक प्रीतम राम का सवाल था कि अनियमित, संविदा, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने के लिए क्या कोई समिति का गठन किया गया है। अगर हां तो इनके सदस्य कौन-कौन है कब-कब बैठकें हुई और समिति की ओर से क्या अनुशंसा की गई?

भूपेश बघेल ने इस पर लिखित जवाब देकर कहा कि सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश के अनुसार प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं उद्योग और सार्वजनिक उपक्रम विभाग के अफसरों की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है । इसमें वित्त विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, आदिम जाति अनुसूचित जाति विकास विभाग जैसे विभागों के सचिव स्तर के अफसर सदस्य हैं। साल 2022 के 16 अगस्त को बैठक की गई और इसमें 5 बिंदुओं पर जानकारी सरकार के सभी विभागों से मांगी गई।

यह जानकारी मांगी गई है

विभागों में पदस्थ अनियमित दैनिक वेतन भोगी संविदा पर काम करने वाले कर्मचारियों का क्या खुले विज्ञापन भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से नियुक्ति की गई है ? क्या कर्मचारी, पद में निर्धारित शैक्षणिक तकनीकी योग्यता रखते हैं ? क्या कार्यरत कर्मचारी जिस पद पर काम कर रहे हैं क्या वह पद संबंधित विभाग के पद संरचना भर्ती नियम में स्वीकृत है ? क्या शासन द्वारा जारी आरक्षण नियमों का पालन किया गया है ? अनियमित दैनिक वेतन भोगी संविदा पर काम कर रहे लोग वर्तमान में क्या मानदेय भुगतान किया जा रहा है और उन पदों पर नियमित लोगों का क्या वेतनमान है ?

समय सीमा संभव नहीं

मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बताया कि 24 डिपार्टमेंट से मिल गई है, 22 विभागों से यह जानकारी नहीं मिली है । मुख्यमंत्री ने इस पर बताया कि शासन स्तर पर दैनिक वेतन भोगी, अनियमित और संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण किए जाने की विधिवत कार्यवाही की जा रही है। समय सीमा बता पाना संभव नहीं है।

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