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भीषण गर्मी के बाद शुरू हुई राहत की बारिश, IMD ने बताया कैसा रहेगा कब सक्रीय होगा मानसून

नई दिल्ली : जून का पहला हफ्ता गुजर चुका है और हर साल 4 जून का आमतौर पर केरल में दक्षिण- पश्चिम मानसून की शुरुआत हो जाती थी लेकिन अभी तक यह सक्रिय नहीं हो पाया है। मौसम विभाग के मुताबिक दक्षिण पूर्व अरब सागर और पड़ोसी लक्षद्वीप क्षेत्र के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इसके चलते अगले 24 घंटों में इसी क्षेत्र में कम दबाव वाला क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके बाद के 48 घंटों में इसके और मजबूत होने की संभावना है। ऐसा होने के बाद लक्षद्वीप और केरल में मानसून की आमद के साथ ही इस साल के बारिश का सीजन शुरू हो सकता है।

लेट हो गया है मानसून!

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक प्रायद्वीपीय भारत में मानसूनी बारिश में काफी कमी आई है। प्रगति धीमी और सुस्त हो जाती है। विश्वसनीय पूर्वानुमान के लिए अगले 2 दिनों तक मौसम को बहुत बारीकी से ट्रैक करने की आवश्यकता है। उसके बाद ही पता चल पाएगा कि मानसून की लेटेस्ट स्थिति क्या है। अगर उत्तर भारत की बात करें तो चक्रवाती हवाओं का एक क्षेत्र उत्तर पश्चिमी राजस्थान और आसपास के क्षेत्रों पर बना हुआ है। इसके सात ही दक्षिण छत्तीसगढ़ और आसपास के क्षेत्रों में भी चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है।

इन इलाकों में बारिश से मौसम हुआ सुहावना

पिछले 24 घंटों में तेलंगाना और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक या दो स्थानों पर भारी बारिश हुई। सिक्किम, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों, पूर्वी मध्य प्रदेश और मध्य महाराष्ट्र में हल्की से मध्यम बारिश हुई। गुजरात क्षेत्र, दक्षिण उत्तर प्रदेश, रायलसीमा, केरल, तमिलनाडु, तटीय कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश, ओडिशा और हिमाचल प्रदेश में 1 या 2 स्थानों पर हल्की बारिश हुई।

 

 

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