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ED को तगड़ा झटका, सूर्यकांत तिवारी मसले पर कर्नाटक पुलिस ने शेड्यूल अफेंस हटा कर पेश किया चालान

रायपुर : प्रवर्तन निदेशालय यानी ED को तगड़ा झटका पड़ा है. दरअसल, कोयला घोटाला और अवैध वसूली मामले में ईडी की कार्रवाई, कर्नाटक पुलिस की जिस एफ़आइआर पर आधारित थी, उस मामले में कर्नाटक पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी है।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कर्नाटक पुलिस ने उसमें वो शेड्यूल अफेंस हटा दिए हैं जिस वजह से ईडी को मामला दर्ज करने का अवसर मिला था। यह एफ़आइआर आयकर विभाग के अधिकारियों ने दर्ज कराई थी। शेड्यूल अफेंस हटने से कोयला घोटाला मामले में गिरफ़्तार आरोपियों के अधिवक्ताओं की ओर से दावा है कि, अब उन सभी आरोपियों के रिहा होने की संभावना प्रबलतम हो गई है।

ईडी जिस पीएमएलए एक्ट के तहत कार्रवाई करती है, उसके लिए किसी परिवाद का होना या कि, एफ़आइआर का होना ज़रूरी है, यह भी जरुरी है कि, परिवाद या कि एफ़आइआर में वे शेड्यूल अफेंस हों याने वो धाराएँ हों, जिस पर ईडी संज्ञान ले ले सके। ईडी किसी भी धारा पर संज्ञान नहीं ले सकती। ईडी ने कोयला घोटाला और अवैध वसूली मामले में जिस एफ़आइआर को कार्रवाई का आधार बनाया था वह एफ़आइआर कर्नाटक में दर्ज हुई थी।

उस में वो शेड्यूल धाराएँ थीं जिसके आधार पर ईडी ने कार्रवाई शुरु कर दी। विधि विशेषज्ञों का मानना है कि यदि शेड्यूल अफेंस हट गया तो ईडी की कार्रवाई की अधिकारिता शून्य हो जाती है। इस मामले में बचाव पक्ष के अधिवक्ता फैज़ल रिजवी का भी यही मानना है। अधिवक्ता फैज़ल रिजवी यह मानते हैं कि, इस शेड्यूल अफेंस के हट जाने से अब राहत मिलनी तय है और आने वाले हफ़्ते में यह राहत मिल जाएगी।

लेकिन पेंच यह भी है

विधि विशेषज्ञों का एक मत यह भी है कि, यह मामला उतना भी आसान नहीं है जितना कि माना जा रहा है। दरअसल बीते पखवाड़े ही स्पेशल कोर्ट में ईडी ने कोयला घोटाला और अवैध वसूली मामले में परिवाद कोर्ट में पेश किया और उसे स्पेशल कोर्ट ने पंजीबद्ध कर लिया है, अब यह मसला पेचीदा हो गया है। यह संभावना बढ़ती है कि ज़मानत मिले लेकिन कुछ विधि विशेषज्ञ इसे केवल संभावना मान रहे हैं। वहीं दावा यह भी है कि, ईडी के केस से राहत नहीं मिलेगी।

कोयला घोटाला मामले में यह हैं गिरफ्तार

कोयला घोटाला मामले में जिनकी गिरफ़्तारी हुई है, उसमें सूर्यकांत तिवारी, लक्ष्मीकांत तिवारी, सीएम की उप सचिव ( निलंबित) सौम्या चौरसिया, आईएएस समीर बिश्नोई और कोल व्यवसायी सुनील अग्रवाल शामिल हैं।

हाईकोर्ट में अब तक ये हुआ है

इस मामले में ज़मानत याचिका स्पेशल कोर्ट ने ख़ारिज की हुई है। हाईकोर्ट में सुनील अग्रवाल की ज़मानत याचिका ख़ारिज हो चुकी है। जबकि सौम्या चौरसिया की ज़मानत याचिका पर सुनवाई पूरी हो चुकी है,और उस पर फ़ैसला रिज़र्व है।

कौन सी धारा हटी

कर्नाटक के बैंगलुरु के काड्डूगुडी के वाईट फिल्ड थाने में दर्ज एफ़आइआर में आईपीसी की धारा 120 बी और 384 शामिल थी। लेकिन जबकि कर्नाटक पुलिस ने इस मामले में कोर्ट में चालान पेश किया तो यह धाराएँ हट गई हैं। यही वे दो धाराएँ थीं जिसके एफ़आइआर में होने से ईडी ने मामले को संज्ञान ले लिया था।

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