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मांग को लेकर पुनः जुटे जिला सहकारी के कर्मचारी

खरोरा/ रवि कुमार तिवारी। छतीसगढ़ प्रदेश सहकारी समिति कर्मचारी संघ रायपुर छत्तीसगढ़ पंजीयन क्रमांक 122202124364 प्रदेश में कार्यरत समिति कर्मचारियों का संगठन है और अपने समिति कर्मचारियों के नियमितिकरण व वेतन अनुदान को लेकर विगत कई वर्षों से निरंतर संघर्षरत हैं इस संबंध में हमारी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर शासन प्रशासन का ध्यान आकर्षित कराते हुये 1 जून से 18 जून 2023 तक अनिश्चितकालीन हड़ताल की गई थी, जिस पर सहकारिता मंत्री के आश्वासन तथा किसान हित को ध्यान में रखते हुए मंत्री जी के कथनानुसार स्थगित की गई थी कितु 1 माह व्यतीत हो जानें के उपरांत भी हमारी मांगों पर कोई सकारात्मक पहल नही की गई है,जिससे सब कर्मचारियों मे निराशता है जिससे क्षुब्ध होकर पुनः आंदोलन के लिए बाध्य हो रहे हैं।

तीन सूत्रीय मांग इस प्रकार है-

1. प्रदेशभर के समस्त 2058 सहकारी समितियो में विगत 50-60 वर्षो से कार्यरत कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जावे।

2. वेतन अनुदान देते हुए सरकारी कर्मचारी की भांति वेतनमान दिया जावे।

3. प्रदेश के समितियों में भर्ती प्रक्रिया को पूर्णतः समाप्त कर कार्यरत कर्मचारियों को पदोन्नति देते हुए रिक्त पद पर समिति कर्मचारियों का समायोजन किया जावे।

यह वही सहकारी कर्मचारी है जो शासन के महत्वकांक्षी योजनाओं को 32 लाख किसानों के साथ धरातल पर पहुंचाने का कार्य करते हैं। किसानों को वर्मी कंपोस्ट खाद, शून्य प्रतिशत दर पर के.सी.सी. ऋण वितरण, खाद, बीज, खाद्यान (राशन)वितरण तथा छ. ग. शासन के अतिमहत्वपूर्ण कार्य-राजीव गांधी किसान न्याय योजना के साथ समर्थन मूल्य पर धान खरीदी जैसे महत्वपूर्ण कार्य को संपादित करते हैं इसके साथ साथ ही ऑनलाइन फसल बीमा योजना, ब्याज अनुदान बनाना , व समय समय पर शासन-प्रशासन द्वारा जारी आदेश-निर्देशों का पालन कर्मठ तथा समर्पण भाव से करते हैं इस संदर्भ में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हमारे छतीसगढ़ राज्य व मुखिया का नाम गौरवान्वित भी होता है इस कार्य में सब सहकारी समिति कर्मचारियों का समर्पण भाव से सहभागिता भी रहता है।

आज के इस महंगाई के दौर में वर्तमान में देय अल्प वेतन में जीवन निर्वाह करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है स्तिथि तो ये है कि अधिकांश सहकारी समिति कर्मचारीयो को समिति की आर्थिक स्थिति अत्यंत कमजोर होने के कारण साल साल भर से वेतन नहीं मिल पाता है समितियों में कार्यरत 13900 कर्मचारियों की संख्या है।

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