रायपुर : जैसे-जैसे चुनावी घड़ी करीब आ रही है पुराने मुद्दे फिर से सामने आने लगे हैं। इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाले को लेकर शुरू हुई जांच की आंच अब कई सियासी दिग्गजों की तरफ उठने लगी है। इसी बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाले को लेकर एक ट्वीट किया है। अपने ट्वीट में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा हैकि घोटाला करने वाले जेल भी जायेंगे।
मुख्यमंत्री पैसे की एक रिसिविंग की फोटो पोस्ट करते हुए लिखा है कि प्रियदर्शनी बैंक घोटाले की जांच का प्रतिफल मिलने लगा है। बैंक के खाते में 28.5 लाख रुपये जमा हुए हैं। अभी सारा पैसा लौटेगा, घोटाला करने वाले जेल भी जायेंगे। मामला डेढ़ दशक पुराना है, लिहाजा 17 साल पुराने इस मामले की फाइल विधानसभा चुनाव से पहले खुलने की खबर से सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई है। इंदिरा बैक घोटाले का नाम जब सामने आया था तब मैनेजर के नार्को टेस्ट में घोटाले से जुड़े सफेदपोशों के नाम सामने आए थे। जो पिछली सरकार में बेहद प्रभावशाली थे।
कांग्रेस जब विपक्ष में थी, तो भी नार्को टेस्ट की सीडी कोलेकर प्रेस कांफ्रेंस किया था। नार्को टेस्ट में प्रमुख अभियुक्तों में से एक उमेश सिन्हा ने बताया था कि उसने तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह और उनके मंत्रियों अमर अग्रवाल, बृजमोहन अग्रवाल और रामविचार नेताम सहित कई भाजपा नेताओं को करोड़ों रुपए दिए थे। हालांकि बाद में मामला ठंडा पड़ गया। लेकिन चुनाव से पहले इसकी जांच की अनुमति मिलने से अटकलें तेज हो गई है। राजधानी रायपुर के बैंक घोटाले की जांच के लिए राज्य सरकार ने मामले की जांच नए सिरे से कराने के लिए हाईकोर्ट से अनुमति मांगी थी।
आपको बता दें कि साल 2006 में आर्थिक अनियमितता पाए जाने पर इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक बंद हुआ था। जानकारी के मुताबिक इंदिरा बैंक में 54 करोड़ का घोटाला सामने आने के बाद सभी खातेदारों में हड़कंप मच गया था। बैंक में करीब 22 हजार खातेदार थे। घोटाला उजागर होने के बाद बैंक ने अपने आप को डिफाल्टर घोषित कर दिया था और इंश्योरेंस कंपनियों की मदद से खातेदारों को राशि भी लौटाई थी। लेकिन यह राशि काफी कम थी। इस मामले में बैंक के तत्कालीन मैनेजर उमेश सिन्हा का नार्को टेस्ट भी किया गया था।