जब तक सुबह-सुबह दूध वाली कड़क चाय ना मिल जाए तब तक दिन अधूरा लगता है. अदरक का स्वाद और सुगंध ही मन को सुकून दे देती है और जब सर्दियां आएं तो रजाई में बैठकर इस चाय (Chai) को पीने का मजा ही कुछ और होता है. लेकिन, दूध वाली चाय (Milk Tea) को लेकर अक्सर यह बहस भी छिड़ी रहती है कि यह दूध वाली चाय सेहत के लिए कितनी अच्छी है और कितनी नहीं.
ध वाली चाय से शरीर को होने वाले नुकसानों की गिनती भी कम नहीं है. सबसे ज्यादा पी जाने वाली दूध की चाय नींद से जुड़ी दिक्कतों का कारण बन सकती है.
चाय से हार्ट बर्न या कहें सीने में जलन की दिक्कत हो सकती है. इससे कई बार पेट फूलना (Bloating) और जी मिचलाना भी महसूस होता है.
सुबह-सुबह खाली पेट चाय पीना एसिडिटी का कारण हो सकता है.
इस चाय का ज्यादा सेवन शरीर में बाकि पोषक तत्वों को बाधित करता है. शरीर को अन्य तत्वों को सोखने में मुश्किल होने लगती है.
गर्भवती महिला को अधिक चाय के सेवन से परहेज करने की सलाह दी जाती है.
चीन में युवाओं के बीच दूध वाली चाय की लोकप्रियता
शोधकर्ताओं ने कहा कि चीन में युवाओं के बीच दूध वाली चाय की लोकप्रियता में जबरदस्त इजाफा हुआ है. शोध से पता चला कि दूध वाली चाय के सेवन से लत लग सकती है. लत के एक मान्यता प्राप्त पैमाने का उपयोग करते हुए – जो लगातार लालसा और अति-भोग जैसे कारकों को देखता है – टीम को सबूत मिला कि कुछ युवा लोगों में नशे की लत के लक्षण दिखाई दे रहे थे। सर्वेक्षण में शामिल लगभग आधे लोगों ने कहा कि वे सप्ताह में कम से कम एक कप दूध वाली चाय पीते हैं।
चीनी के साथ-साथ दूध वाली चाय में अक्सर कैफीन भी शामिल होता है और इसकी वजह से अवसाद में इजाफा होता है और बाद में आत्महत्या की वजह बन सकता है. इस तरह के कार के पेय किशोर युवाओं में खराब मूड और सामाजिक अलगाव का कारण बन सकते हैं. अध्ययन में, दूध वाली चाय का सेवन अकेलेपन और अवसाद से जुड़ा था. शोधकर्ताओं का सुझाव है कि चीन और अन्य जगहों पर किशोर लड़के दूध की चाय का इस्तेमाल भावनाओं को नियंत्रित करने के लिए कर सकते हैं लेकिन इसकी लत शराब की तरह हानिकारक हो सकती है.