पॉलिटिक्सरायपुर

गंगाजल पर GST को लेकर गरमायी राजनीति :अरूण साव बोले- जब गंगाजल पर GST लगा ही नहीं है तो झूठ क्यों बोला?

रायपुर। गंगाजल पर GST को लेकर राजनीति गरमा गयी है। एक तरफ जहां भाजपा जीएसटी से इनकार कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस की तरफ से भाजपा पर झूठ बोलने का आरोप लगाया जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व लोरमी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी अरुण साव ने गंगाजल पर जीएसटी के नाम पर झूठ बोलकर भ्रम फैलाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर जमकर हमला बोला है। श्री साव ने सवाल किया कि जब गंगाजल पर जीएसटी लगा ही नहीं है तो मुख्यमंत्री बघेल ने यह झूठ क्यों बोला?

जवाब में वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि मोदी सरकार के सनातन विरोधी पाप पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और रमन सिंह झूठ बोलकर परदेदारी करने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 10 अक्टूबर को आपत्ति दर्ज कराई फिर मोदी सरकार के सनातन विरोधी कुकृत्य को ढकने के लिए आनन-फानन में विगत 12 अक्टूबर को सीबीआईसी का भ्रामक ट्वीट आया

यह तो तय है कि केंद्र की मोदी सरकार ने गंगाजल पर 18 प्रतिशत जीएसटी वसूलने का आदेश जारी किया है, जिसके आधार पर सभी डाकघर में गंगाजल पर अतिरिक्त जीएसटी वसूली की गई। सीबीआईसी के ट्वीट से सरकारी आदेश प्रभावशून्य नहीं होते, डाक तार विभाग ने 3 अक्टूबर को जारी आदेश का खंडन नहीं किया है। केवल मीडिया में बयानबाजी करने वाले भाजपाई यह स्पष्ट करे कि मोदी सरकार का डॉक तार विभाग झूठ बोल रहा है, या छत्तीसगढ़ के भाजपाई?

अरूण साव का कहना है कि सत्ता-लोलुपता में कांग्रेस और उसके मुख्यमंत्री आखिर और कितना झूठ बोलकर प्रदेश की जनता को बरगलाने का काम करेंगे? यह झूठ कांग्रेस के राजनीतिक पतन और मुख्यमंत्री बघेल के मानसिक दीवालिएपन की पराकाष्ठा है। सीएम बघेल और कांग्रेस के मिथ्याचार के मनोरोग का इलाज प्रदेश की जनता आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाकर करेगी और छत्तीसगढ़ को कांग्रेस और झूठ शिरोमणि बघेल के झूठ से मुक्त प्रदेश बनाएगी।भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साव ने कहा कि भूपेश बघेल और कांग्रेस ने पहले गंगाजल की झूठी कसम खाई और अब गंगाजल पर जीएसटी के नाम से झूठ फैलाया। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि मुख्यमंत्री बघेल को मिथ्या प्रलाप करने की बहुत बुरी लत लगी हुई है।

भाजपा पर पलटवार करते हुए सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार देश की पहली और इकलौती सरकार है जिन्होंने सनातन परंपरा में पवित्र गंगाजल पर ही 18 प्रतिशत की जीएसटी लगा दी है। केंद्र सरकार के सूचना प्रसारण मंत्रालय डॉक तार विभाग द्वारा जारी आदेश क्रमांक 11-05/2016 BD&MD के अनुसार डाकघर से विक्रय किए जाने वाले गंगाजल पर टैक्स लगाने का आदेश 3 अक्टूबर 2010 को जारी किया गया है। पूरे देश में 6 अक्टूबर 2023 से डाकघर के माध्यम से बेचे जा रहे गंगाजल पर 18 प्रतिशत अतिरिक्त जीएसटी वसूली गई। रमन सिंह और अरुण साव स्पष्ट करें कि जब ये खंडन कर रहे हैं तो डाकघरों में गंगाजल पर 18 प्रतिशत की दर से वसूली गई जीएसटी की राशि किसके पास जा रही है?

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button