छत्तीसगढ़

चुनावी साल- टिकट पर बवाल”, 48 घंटे से अपने नेता की टिकट के लिए BJP कार्यायल के बाहर डटे आदिवासी, सड़क किनारे खुले आसमान के नीचे रात बिताने है मजबूर…

रायपुर । छत्तीसगढ़ में बीजेपी के टिकट वितरण के प्रयोग का अब खुलकर विरोध हो रहा है। जशपुर से आदिवासी नेता गणेशराम भगत के समर्थन में पिछले 48 घंटे से सैकड़ों आदिवासी महिला-पुरूष समर्थन पार्टी कार्यायल के बाहर धरना पर बैठे हुए है। पार्टी कार्यायल में प्रवेश नही मिलने के कारण ये सभी लोग पिछली दो रात से पार्टी कार्यायल के बाहर खुले आसमान के नीचे सड़क किनारे सोने को मजबूर है। जशपुर से पहुंचे पार्टी कार्यकर्ताओं ने सुर में गणेशराम भगत को टिकट देने की मांग की है। उधर संगठन महामंत्री पवन साय के मौके पर पहुंचने पर नाराज लोगों ने विरोध में नारे लगाकर अपना आक्रोश व्यक्त किया गया।

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी ने प्रदेश की 85 सीटों पर भले ही उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। बीजेपी इस लिस्ट में करीब 15 हारे हुए प्रत्याशियों और पूर्व मंत्रियों को पार्टी ने दोबारा मौका दिया है। लेकिन बीजेपी के टिकट वितरण का यही प्रयोग अब पार्टी के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। बीजेपी की लिस्ट जारी होने के बाद से ही दंतेवाड़ा से लेकर धरसींवा, अकलतरा सहित जशपुर में बीजेपी प्रत्याशियों को लेकर जमकर विरोध हो रहा है। बीजेपी ने जशपुर विधानसभा से इस बार राय मुनि भगत को अपना प्रत्याशी बनाया है। पार्टी से टिकट कटने के बाद जशपुर से आदिवासी नेता और पूर्व मंत्री गणेशराम भगत का एक विडियों सामने आया था। विडियों में पूर्व मंत्री के आंसू के साथ दर्द छलका था।

जिसके बाद से जशपुर में गणेशराम भगत को टिकट देने को लेकर कार्यकर्ताओं ने मोर्चा खोल दिया है। शनिवार को जशपुर से सैकड़ों की संख्या में महिला और पुरूष कार्यकर्ता बस और पिकअप में सवार होकर रायपुर पहुंचे थे। यहां बीजेपी कार्यायल के बाहर पोस्टर बैनर के साथ पहुंचे कार्यकर्ताओं ने पार्टी को जशपुर सीट से गणेशराम भगत को टिकट देने की मांग को लेकर अड़ गये। इतनी बड़ी संख्या में आदिवासी कार्यकर्ताओं को देखकर पहले तो उन्हे पार्टी कार्यायल के अंदर प्रवेश नही करने दिया गया। इसके बाद लगा कि नाराज लोग कुछ घंटे के बाद वापस लौट जायेंगे। लेकिन ऐसा हुआ नही। राशन-पानी के साथ राजधानी रायपुर पहुंचे कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यायल के बाहर ही खुले आसमान के नीचे खाना बनाकर खाया और सड़क किनारे सो गये।

उधर मीडिया के जरिये इस मामले की जानकारी के बाद रविवार को संगठन महामंत्री पवन साय जशपुर से रायपुर पहुंचे लोगों को समझाने पहुंचे। लेकिन पवन साय कुछ बोलते उससे पहले ही नाराज लोग टिकट वितरण को लेकर भड़क गये। मौके पर ही पवन साये के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाकर नाराज लोगों ने आदिवासी हितों की लड़ाई लड़ने वाले गणेशराम भगत को टिकट देने की मांग रख दी। कार्यकर्ताओं का गुस्सा देखने के बाद पवन साय कुछ देर रूकने के बाद मौके से लौट गये। करीब 24 घंटे बाद भी रविवार को सकारात्मक चर्चा नही होने पर जशपुर से आये कार्यकर्ता राजधानी में बीजेपी कार्यायल के बाहर डटे हुए है।

अब करीब 48 घंटे का वक्त होने को है, लेकिन नाराज आदिवासी कार्यकर्ता अब भी अपनी मांगो को लेकर अपने नेता के टिकट के लिए अड़े हुए है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल अब ये है कि राजधानी में पार्टी कार्यायल के बाहर पिछले 48 घंटे से डटे नाराज कार्यकर्ताओं की मांग पर क्या पार्टी कोई फैसला लेगी ? क्या बीजेपी पार्टी में व्याप्त हो रही कलह से बचने के लिए अपने ही फार्मुले में बदलाव कर प्रत्याशियों की टिकट बदलेगी ? या फिर इन सारे विरोध के बाद भी पार्टी अपने फैसल पर अड़ी रहेगी ? ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा, लेकिन टिकट वितरण को लेकर जिस तरह से कार्यकर्ताओं में असंतोष पनप रहा है, उसका काफी हद तक नुकसान पार्टी और प्रत्याशी दोनों को आगामी चुनाव में उठाना पड़ सकता है।

 

 

 

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