रायपुर। छत्तीसगढ़ में घोटले के कई बड़े-बड़े राज खुलने लगे हैं। ईडी ने कोयला घोटाला का पर्दाफाश किया था। इस मामले में कई अधिकारी व कारोबारी जेल में हैं। वहीं अब दो हजार करोड़ के शराब घोटाले का मामला सामने आया है। ईडी ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। जिसमें से एक महापौर के भाई अनवर ढेबर हैं। शराब घोटाले में कई राज खुलना अभी बाकि हैं और ऐसे कई सफेदपोश चेहरे ईडी की गिरफ्त में होंगे। इतना ही नहीं ईडी ने कांग्रेसी नेताओ और कारोबारियों के प्रापर्टी को भी अटैच किया है।
वहीं अब 6 हजार करोड़ के चावल घोटाले का राज खुलने वाला है। इस मामले में केंद्रीय एजेंसी ( सेंट्रल टीम ) छत्तीसगढ़ पहुंच गई है। इस मामले में भी बड़ा रैकेट खुल सकता हैं। बता दें कि छत्तीसगढ़ में कथित तौर पर 6 हजार करोड़ के चावल घोटाले की जांच के लिए अब एक और जांच एजेंसी प्रदेश में पहुंच चुकी है। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने चावल घोटाले की शिकायत की थी। जिसके बाद जांच करने टीम पहुंची है। शिकायत में डॉ. रमन ने प्रदेश में 6 हाजर करोड़ के चावल घोटाले का आरोप लगाया है। विधानसभा के बजट सत्र में डॉ. रमन सिंह ने चावल घोटाले का मुद्दा उठाया था। डॉ. रमन सिंह ने तब यह आरोप लगाया था कि, केंद्रीय पुल के चावल वितरण में जमकर घोटाला हुआ है। यह घोटाला करीब पांच से छ हजार करोड़ का है
बता दें कि शिकायत के आधार पर केंद्रीय टीम कल 10 मई को राजधानी पहुंच गई है। वहीं 11 मई और 12 मई को भी छत्तीसगढ़ में रहेगी। 12 मई की शाम यह टीम लौटेगी।
डॉ.रमन सिंह ने ट्विट पर ऐसा क्या दिया है संकेत
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने एक ट्विट किया है जिससे ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि केंद्रीय एजेंसी ( सेंट्रल टीम ) चावल घोटाले मसले की जाँच शुरू कर सकती है। प्रदेश में छ हजार करोड़ के चावल घोटाले के मसले को विधानसभा में डॉ रमन सिंह ने सीधे आरोप की तरह उठाया था। इस मुद्दे पर घिरी भूपेश सरकार ने सदन में 6000 करोड़ के चावल घोटाले के आँकड़े को झूठा बताते हुए कहा था कि, सत्र के आखिरी दिन 24 मार्च को सदन में रिपोर्ट पेश कर देंगे। लेकिन सत्र इसके पहले ही समाप्त हो गया। हालाँकि बाद में मंत्री अमरजीत भगत इस मसले पर जब भी सवाल हुए तो जाँच रिपोर्ट कब सार्वजनिक होगी इसे लेकर कोई निश्चित तारीख नहीं बता पाए।
बीजेपी चावल घोटाले के मसले पर केंद्रीय खाद्य मंत्री से मिल कर शिकायत और संबंधित दस्तावेज सौंप चुकी है। दरअसल खाद्य विभाग के डेटाबेस में 1 लाख 65 हजार मीट्रिक टन चावल और जिले के डेटाबेस में 96 हजार मीट्रिक टन चावल दर्ज होने की जानकारी प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने दी।
रमन सिंह का कहना है कि प्रदेश सरकार को यह बताना चाहिए कि, 68 हजार मीट्रिक टन चावल का यह अंतर क्यों आ रहा है और 600 करोड़ रुपए का चावल कहां गया? अब एक बार फिर डॉ रमन सिंह ने ट्विटर के माध्यम से संकेत देते हुए लिखा है कि पहले कोयले में दलाली.. फिर चावल में धांधली और अब शराब में भ्रष्टाचार की सीमा लांघ चुके भूपेश बघेल की सरकार की सच्चाई जनता के सामने आ गई है। अपनी तिजोरी भरने के चक्कर में 2000 करोड़ का भ्रष्टाचार कर भूपेश बघेल ने दिल्ली के शराब मॉडल को भी पछाड़ दिया है।
पहले भी पत्र लिखकर की शिकायत
पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने पहले भी इस मामले को उठाते हुए केंद्र सरकार को पत्र लिखकर इसकी शिकायत की है। रमन सिंह ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है और सीबीआई जांच की मांग की है। साथ ही पीडीएस घोटाले को छत्तीसगढ़ का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला भी बताया है। पूर्व सीएम ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि गरीब के निवाले का चावल छीनने और गरीबों के चावल में डाका डालने का काम कांग्रेस सरकार ने किया है।