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रामायण से प्रेरित होकर युवक ने अपने चमड़ी से मां के लिए बनवाई चप्पल

उज्जैन । युवक ने अपने शरीर की चमड़ी से चप्पल बनवाकर अपनी माँ को भेंट कर दी। युवक के इस बलिदान को देख परिजनों के आंसू निकल गए। ढांचा भवन निवासी प्रापर्टी कारोबारी रौनक गुर्जर घर के समीप ही भागवत कथा करवा रहा है। उसने निजी अस्पताल में ऑपरेशन करवाकर अपनी जांघ की चमड़ी निकलवाई और उससे चप्पल बनवाकर बुधवार दोपहर कथा के मंच पर अपनी मां निरूला गुर्जर को चप्पल भेंट की।

रौनक ने बताया कि उसने रामायण में पड़ा है कि मां के लिए अपनी चमड़ी से भी खड़ाऊ बनवाओ तो कम है। इसलिए उसने मां को बिना बताए प्रण किया और अपनी चमड़ी निकला कर चप्पल बनवाई। चमड़ी निकलाने के दर्द से ज्यादा मां के लिए अपनी खाल की चप्पल बनवाने की खुशी है। उसने कहा मां ही उसकी भगवान है।

आज के समय में जहां युवा अपनी गर्लफ्रेंड ,प्रेमिका के लिए हाथ की नस काट लेते ही,जहर खा लेते हैं वहीं रौनक ने मां के प्रति श्रद्धा की एक मिसाल पेश की है। बुधवार दोपहर करीब 3:30 बजे जब वह एंबुलेंस में आयोजन स्थल पहुंचा तो उसके पैर पर पट्टा चढ़ा देख लोग कई कयास लगाने लगे थे, लेकिन जब हकीकत सामने आईं तो सब भौचक रह गए और अपने आंसू नहीं रोक पाए। घटना का सबसे मार्मिक पहलू यह है जब रौनक ने मां को अपनी चमड़ी से बनी हुई चप्पल बताई तो उसकी मां और रिश्तेदारी आपस में गले मिलकर फूट-फूट कर रो दिए। मां निरूला गुर्जर ने कहा की मैं भाग्यशाली हूं जो रौनक जैसा बेटा मिला।

खास बात है कि रौनक किसी समय हिस्ट्री शीटर बदमाश था।कुछ साल पूर्व फरारी के दौरान पुलिस ने उसके पैर में गोली भी मार दी थी। लेकिन जेल से छूटने के बाद उसने अपने आप को बदल दिया और प्रॉपर्टी बिजनेस के साथ सामाजिक और धार्मिक कार्य करने लगा और इसी के चलते वह भागवत कथा करवा रहा है।

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