छत्तीसगढ़ में 1 जुलाई से स्कूल खुले, भीषण गरमी देखते हुए प्रांताध्यक्ष जाकेश साहू ने की मांग, शिक्षकों के प्रशिक्षण को भी जुलाई में कराने का अनुरोध
छुरिया।देश और प्रदेश में भीषण गर्मी को देखते हुए नया शिक्षा सत्र आगामी 16 जून की जगह एक जुलाई से प्रारंभ करने की मांग की गई है। चूंकि इस बार भीषण गर्मी पड़ने से आम जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। विभिन्न सरकारी कार्यालयों में तो कम से कम कूलर, ऐसी आदि की व्यवस्था है लेकिन 99 प्रतिशत सरकारी स्कूलों में न तो कूलर है र न ही ऐसी।ऐसे में भीषण गर्मी और भयंकर उमष का प्रतिकूल असर स्कूली बच्चों एवं शिक्षको के स्वास्थ्य पर पढ़ सकता है।
“छत्तीसगढ़ प्रधान पाठक मंच” एवं “शिक्षक एलबी संवर्ग छत्तीसगढ़” के प्रांताध्यक्ष प्रदेशाध्यक्ष जाकेश साहू, कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष परस राम निषाद, जिलाध्यक्षद्वय पुरुषोत्तम शर्मा, परमेश्वर साहू, महेश्वर कोटपरहिया, महेंद्र टंडन, बरत राम रत्नाकर, निर्मल भट्टाचार्य, धन्नू साहू, उत्तम कुमार जोशी, एवं प्रदेश, जिला व ब्लाक पदाधिकारीगण उज्जवल चंद्रा, अभिमन्यु बघेल, रंजिता बरेठ, राजूकुमार संवरा, मयाराम सतरंज, ईशा नायक, राधेश्याम चंद्रा, यशवंती, धीवर, मनीराम केंवट, सुन्दर साहू, पुष्पेन्द्र बनाफर, नरेशचंद्रा, दादूलाल चंद्रा, मुकेश नायक, धर्मेंद्र रजक, गुणक चौधरी, रंजीत गुप्ता, सगुन तिवारी, गणपत राव, राधेश्याम धीवर, राजेश पाठक, अजित नेताम, विजेंद्र पाठक, श्याम केंवट, सुजाता त्रिपाठी, अजय भट्ट, कुमार पाठक, त्रिवेणी राजपूत, नामदेव सिंह आदि ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए राज्य सरकार से मांग किया है कि आगामी नया शिक्षा सत्र 16 जून की बजाय एक जुलाई से प्रारंभ किया जाए। जिससे की भीषण गर्मी से बचा जा सके।
गर्मी के बजाय बारिश में हो शिक्षको का आफ लाइन प्रशिक्षण –
चूंकि राज्य के लगभग सभी विकासखंडों में अभी भीषण गर्मी में आगामी 10 जून से शिक्षको का प्रशिक्षण रखा गया है जिसका कि स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ेगा। ऐसे में संगठन ने मांग किया है कि उक्त प्रशिक्षण 10 जून के बजाय आगामी जुलाई माह में रखा जाए। चूंकि जुलाई माह में बारिश आने के बाद मौसम अनुकूल हो जाएगा।