छत्तीसगढ़

CM के विभाग को भी नही बख्स रहे भ्रष्ट अफसर, PM श्री विद्यायल को बना दिया भ्रष्टाचार का गढ़

कोरबा । सूबे में सरकार बदलने के बाद जीरों टाॅलरेंस का दावा करते हुए भ्रष्ट अफसरों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। लेकिन भ्रष्ट अफसर तो भ्रष्ट ही है….वो कहा सुधरने वाले ! आलम ये है कि मुख्यमंत्री के शिक्षा विभाग को भी इन अफसरों की नजर लग गयी है। जीं हां भ्रष्टाचार की ये बानगी कोरबा जिला में देखी जा सकती है, यहां शिक्षा विभाग के अफसर कमीशनखोरी के लिए पीएम श्री विद्यायल को भ्रष्टाचार का गड़ बनाने से भी गुरेज नही कर रहे है। यहां म्यूजजिकल इंस्ट्रूमेंट की खरीदी में हुए घोटाला के बाद अब सेनेटरी पेड वेंडिंग मशीन की खरीदी में मनमानी और घोटाले का मामला सामने आया है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा नौनिहालों के बेहतर भविष्य और सर्वागीण विकास के लिए कई योजनांए चला रही है। इन्ही योजनाओं में एक पीएम श्री विद्यालय योजना भी शामिल है। इस योजना में शामिल विद्यालय के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ ही खेलकूद, संगीत सहित अन्य सारी सुविधाओं के लिए सरकार हर साल करोड़ों रूपये खर्च कर रही है। लेकिन कोरबा जिला में प्रधानमंत्री की इस महत्वाकांक्षी योजना पर जवाबदार अफसर कमीशनखोरी की सेंध लगाने से बाज नही आ रहे है। हाल ही में कोरबा में संचालित 10 पीएम श्री विद्यायलों के लिए म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट की खरीदी में जमकर हुई धांधली की खबर सामने आयी थी।

आरटीआई से हुए खुलासे में पता चला था कि शिक्षा विभाग के जवाबदार अफसरों ने स्कूलों को उनके खरीदी के अधिकार से वंचित कर सीधे वेंडर नियुक्त कर 10 से 12 गुना दर पर म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट की खरीदी कर ली गयी। ठीक इसी तरह का मामला अब सेनेटरी पेड वेंडिंग और सेनेटरी पेड इन्सीनेटर मशीन की खरीदी में सामने आया है। राज्य परियोजना कार्यायल समग्र शिक्षा से इन मशीनों की खरीदी के लिए बकायदा फंड जारी किया गया था। लेकिन जवाबदार अफसरों ने महज 5 से 7 हजार रूपये में मिलने वाले इन मशीनों को 28 हजार 880 रूपये में सेनेटरी पेड वेंडिंग मशीन और सेनेटरी पेड इन्सीनेटर मशीन को 24 हजार 150 रूपये में खरीदी कर सप्लाई करवा दिया गया। जबकि जानकारी बताते है कि इतने पैसों में स्कूल परिसर में तीन से अधिक मशीन लग सकती थी। सूचना का अधिकार से हुए इस खुलास के बाद शिक्षा विभाग और समग्र शिक्षा के जवाबदार अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गये है।

स्कूल प्रबंधन को खरीदी के अधिकार से रखा गया वंचित

पीएम श्री विद्यालयों में सामानों की खरीदी में जमकर मनमानी और बंदरबांट की पुष्टि हो रही है। पीएम श्री एकलव्य के प्राचार्य ने साफ किया कि राज्य परियाजना कार्यायल से विद्यायल के खाते में पैसों का आबंटन किया गया था। लेकिन इन पैसों से स्कूल प्रबंधन गुणवत्तापूर्ण सामानों की खरीदी करता, उससे पहले ही जिला परिजयोजना कार्यायल समग्र शिक्षा के अफसरों द्वारा वेंडर नियुक्त कर उन्हे पेमेंट भुगतान का दबाव बनाया गया। मार्च महीने में अधिकारियों के दबाव में 27 मार्च की तिथि पर सामानों का पेमेंट पहले किया गया, जबकि सामानों की आपूर्ति विद्यायल में अप्रैल माह में की गयी।

चर्चित DMC पर 5 माह बाद भी शिक्षा सचिव नही कर सके कार्रवाई !

मुख्यमंत्री के शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार की सेंध लगाने वाले चर्चित डीएमसी मनोज कुमार पांडेय का ये कोई पहला मामला नही है। इससे पहले भी इनके द्वारा अपने पूर्व पदस्थापना कोरिया जिला में बालवाड़ी योजना में जमकर भ्रष्टाचार किया जा चुका है। घोटाले की जांच के बाद कोरिया कलेक्टर ने 4 मार्च 2024 को जांच रिपोर्ट में डीएमसी मनोज कुमार पांडेय को दोषी पाये जाने के बाद कार्रवाई के लिए शिक्षा सचिव को बकायदा पूरी रिपोर्ट प्रेषित की थी। लेकिन आज 5 महीने बाद भी शिक्षा सचिव द्वारा भ्रष्ट अफसर पर एक्शन नही लिया जा सका है। यहीं वजह है कि उच्च अधिकारियों की नजर अंदाजी के कारण भ्रष्ट अफसर मुख्यमंत्री के शिक्षा विभाग में भी निडर होकर भ्रष्टाचार की सेंध लगाने से गुरेज नही कर रहे है।

एक ही वेंडर पर जिला समग्र शिक्षा के अफसर मेहरबान

पीएम श्री एकलव्य विद्यालय छुरी से आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक विद्यालय में श्री प्रभात सेल्स के द्वारा सेनेटरी पेड वेंडिंग मशीन और सेनेटरी पेड इन्सीनेटर मशीन की सप्लाई किया गया है। श्री प्रभात सेल्स वहीं फर्म है जिसने पीएम श्री एकलव्य विद्यालय में म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट की सप्लाई 10 से 12 गुना दर पर की थी। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यहीं है कि आखिर समग्र शिक्षा के जवाबदार अधिकारी एक ही फर्म पर इतना मेहरबान क्यों है ? अब ये जांच का विषय बना हुआ है।

 

 

 

 

 

 

 

 

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