छत्तीसगढ़बालोद

छग में यहां 20 सितंबर को निकलेगी गणेश विसर्जन झांकी, हाईकोर्ट के नियमों के तहत होगा आयोजन…

बालोद। जिले की गणेश समितियां व डीजे साउंड सिस्टम संचालक गणेश विसर्जन में डीजे बजाने की अनुमति दिलाने की मांग को लेकर अंतिम बार कलेक्टर के पास गए। शहर में 20 सितंबर को सामूहिक रूप से बड़ी गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा।डीजे की अनुमति नहीं मिलने के कारण कलेक्ट्रेट में गणेश समितियों ने प्रदर्शन किया। समितियों के सदस्य व डीजे साउंड सिस्टम संचालकों ने कलेक्ट्रेट के मुय गेट के सामने बैठ गए। पुलिस व एसडीएम ने कलेक्टर के आने के बाद चर्चा करने की बात कही। लगभग दो घंटे इंतजार के बाद कलेक्टर आए। कलेक्टर के साथ डीजे संचालक व गणेश समितियों के सदस्यों के बीच लगभग एक घंटे तक चर्चा चली। कलेक्टर ने साफ कह दिया हाईकोर्ट का आदेश है, उसकी के तहत गणेश का विसर्जन किया जाएगा। गणेश विसर्जन में डीजे नहीं बजेगा। इसके बाद गणेश समितियों व डीजे संचालकों को मायूस होकर जाना पड़ा। उन्हें डीजे की अनुमति मिलने की उमीद थी

जनप्रतिनिधियों के खिलाफ भी नाराजगी
गणेश समितियों के सदस्यों का कहना है पड़ोसी जिले में जनप्रतिनिधि आगे आकर समर्थन कर रहे हैं। जिले के जनप्रतिनिधि आगे नहीं आ रहे हैं, जिसे लेकर गणेश समितियों  व डीजे संचालकों में नाराजगी देखी गई।

हाईकोर्ट के नियमों के तहत होगा आयोजन
बैठक में कलेक्टर इंद्रजीत चंद्रवाल ने कहा कि जो हाईकोर्ट का गाइडलाइन है, उसके तहत पूरा आयोजन करना है। डीजे नहीं बजेगा धुमाल बजा सकते हैं, जो गाइडलाइन है, उसका उल्लंघन नहीं होना चाहिए। समितियों व डीजे संचालकों ने कई बार निवेदन किया, लेकिन कलेक्टर ने कहा कि हाईकोर्ट के नियमों के तहत ही आयोजन होगा।

बढ़ी धुमाल की मांग
डीजे बजाने पर लगे रोक के बाद धुमालों की मांग ज्यादा बढ़ गई है। जिन गणेश समितियों ने डीजे बुक कराया था, वे सब धुमाल बाजा पार्टी की तलाश में जुट गए हैं। अचानक धुमाल की इतनी मांग बढ़ी की कई समितियों को धुमाल बाजा पार्टी ही नहीं मिल रही है।

डीजे संचालकों ने कहा – हमारे व्यवसाय का क्या होगा
डीजे संचालक सोनू, विक्की, लक्की ने कहा कि आदेश गणेश चतुर्थी से पहले ही निकाल देते। समितियों का कहना है कि यह आदेश गणेश चतुर्थी से 20 दिन पहले निकाल देते तो राहत मिलती, क्योंकि कई लोग एडवांस दे चुके हैं। डीजे संचालकों ने कहा कि इसके भरोसे परिवार चल रहा है। अब इसमें भी प्रतिबंध हो गया है। आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ेगा।

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