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साइबर क्रिमिनल्स ने बच्चों के ऑनलाइन गेम से गेमर्स को ठगा…

नई दिल्ली : दुनियाभर दिन-प्रतिदिन टेक्नोलॉजी का विस्तार होता जा रहा है, लेकिन इसके साथ-साथ साइबर क्राइम भी काफी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. साइबर क्रिमिनल्स भी बढ़ती टेक्नोलॉजी के साथ लोगों के साथ धोखाधड़ी करने यानी साइबर क्राइम करने के कई नए तरीके ढूंढ लेते हैं. इसके बारे में रूस की एक साइबर सिक्योरिटी और एंटी-वायरस प्रोवाइडर कंपनी कास्परस्की (Kaspersky) ने बड़ा खुलासा किया है.

2024 में 30% ज्यादा साइबर अटैककास्परस्की ने अपनी एक लेटेस्ट रिपोर्ट के जरिए खुलासा किया है कि 2024 की पहली छमाही में, साइबर क्रिमिनल्स द्वारा युवा गेमर्स को निशाना बनाने की घटनाओं में 30% की बढ़ोतरी हुई है. कास्परस्की की विशेषज्ञों ने रिसर्च करने के बाद इस जानकारी को साझा किया है. उन्होंने अपनी रिसर्च में पाया है कि 2023 की अंतिम छमाही यानी आखिरी 6 महीने की तुलना में 2024 के पहले 6 महीने में युवा गेमर्स पर 30% ज्यादा साइबर अटैक्स किए गए हैं. इस अवधि के दौरान 6.6 मिलियन यानी 66 लाख से भी ज्यादा बार साइबर अटैक्स का प्रयास किया गया.कास्परस्की के विशेषज्ञों के अनुसार, 2024 के पहले 6 महीने यानी जनवरी 2024 से लेकर जून 2024 तक में साइबर क्रिमिनल्स ने बच्चों के लोकप्रिय ऑनलाइन गेम्स का उपयोग करके उन्हें निशाना बनाया और साइबर अटैक किया. शोधकर्ताओं ने युवा गेमर्स के लिए गेमिंग जोखिमों का विश्लेषण किया और पाया कि साइबर क्रिमिनल्स ने 1,32,000 से अधिक यूजर्स को ने निशाना बनाया है.

फैक्चर ऑथेंटिकेशन को इनेबल करना चाहिए. इससे आपके गेमिंग अकाउंट को अधिक सुरक्षा मिलेगी.संदिग्ध लिंक और डाउनलोड से बचें : गेमर्स को हमेशा किसी भी अनजान सोर्स से गेम्स या गेमिंग आइटम्स से रिलेटेड किसी भी फाइल्स को डाउनलोड नहीं करना चाहिए. इसके लिए आए किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए.एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें: गेमर्स को हमेशा अपने गेमिंग डिवाइस की साइबर सिक्योरिटी का पुख्ता इंतजाम करना चाहिए. इसके लिए गेमर्स को अपने डिवाइस में एक अच्छा और स्ट्रांग एंटीवायरस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करना चाहिए और उसे नियमित रूप से अपडेट करना चाहिए.सुरक्षित नेटवर्क का उपयोग करें: गेमर्स को गेमिंग के लिए हमेशा अपने निजी वाई-फाई नेटवर्क का ही इस्तेमाल करना चाहिए. गेमर्स को कभी भी किसी पब्लिक वाई-फाई या कहीं फ्री में मिलने वाले वाई-फाई कनेक्टिविटी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

अगर संभव हो तो गेमर्स को वीपीएन (VPN) का उपयोग करना चाहिए. साइबर बुलिंग और धोखाधड़ी की रिपोर्ट करें : अगर गेमर्स को कभी भी किसी भी तरह के साइबर अटैक या साइबर अटैक के प्रयासों का सामना करना पड़ता है तो उन्हें तुरंत इसकी शिकायत अपने नजदीकी साइबर पुलिस स्टेशन में दर्ज करानी चाहिए.निजी जानकारी साझा न करें: गेमर्स को किसी भी गेमिंग प्लेटफॉर्म पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे कि पता, फोन नंबर, या बैंक डिटेल्स शेयर नहीं करना चाहिए.

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