छत्तीसगढ़तिल्दा

अवैध रेत के बाद अब अवैध खनन में रोक लगाने की उठ रही मांग

रवि कुमार तिवारी, 

तिल्दा : प्रदेश में निरंतर रेत अवैध उत्तखनन भंहै। रण, परिवहन, पर रोक की मांग उठ रही है साथ ही अब अवैध खनन की घटना बढ़ गयी है मिली जानकारी अनुसार मटिया ( दोन्दे) एरिया में फिर से अवैध खनन माफिया सक्रिय , बेख़ौफ़ धड़ल्ले से चल रहा है अवैध चुना पत्थर खनन, क्रेशर, बिना लीज या आदेश के चल रहा है।

छत्तीसगढ़ विधान सभा भवन जहाँ नियम संविधान और कानून बनता है उससे मात्र 8 किलोमीटर दूर बलौदाबाजार रोड पर स्थित ग्राम दोन्दे एवं मटिया इन दिनों अवैध चुना पत्थर खनन करने वालों एवं अवैध क्रेशर संचालकों का गढ़ बनता जा रहा है। यहाँ अवैध चुना पत्थर खनन करने वालों का हौसला इतना बुलंद है कि वे ड्रिल मशीन से होल कर हैवी विस्फोटक पदार्थों का उपयोग कर हेवी ब्लास्टिंग करने से भी नहीं चूक रहे है। मटिया स्थित एक क्रेसर संचालक के देख रेख में ये अवैध खनन का कार्य धड़ल्ले से फलफूल रहा है जिसमें गाँव के युवा भी शामिल है।

क्रेसर संचालक उनसे बिना किसी पर्ची के पत्थर खरीद रहे है तथा अपने स्वयं के वाहनों एवं चैन माउंटेन मशीन का उपयोग कर प्रतिदिन हजारों टन चुना पत्थर का अवैध कारोबार संचालित कर रहा है, जो न कि हमारे प्राकृतिक संसाधनों का दोहन है बल्कि इससे हमारे सरकार एवं प्रशासन को भी लाखों रुपये राजस्व का नुकसान हो रहा है।
ग्राम पंचायत दोन्दे खुर्द के पूर्व उपसरपंच एवं भा.ज.यु.मो. धरसींवा मंडल के प्रभारी सूरज टंडन ने शासन-प्रशासन से मांग किया है कि इस अवैध खनन पर तत्काल रोक लगाया जाए एवं इसमें संलिप्त क्रेसर संचालक पर कठोर कार्यवाही किया जाए।

बताते चलें यही हाल खरोरा से सटे बंगोली मुरा धनसूली इलाके का है जहां अवैध रूप से दर्जनों क्रेशर संचालित हैं, राजनीतिक रसूख के दम पर यहां भी बिना किसी माइनिंग नियमों के धड़ल्ले से ब्लास्टिंग और क्रेशर मशीन संचालित किया जा रहा है जिससे गांव वालों की जिंदगी दूभर हो चली है, हर साल यहां लोग दमा और त्वचा कैंसर से पीड़ित हो रहे हैं साथ ही फसल भी खराब हो रही है, बताया जा रहा है कि सरकार की फाइलों में यहां पत्थर खदाने बंद कर दी गई हैं पर अवैध रूप से खनन जारी है

मुरा इलाके में संचालित प्रायः खदाने रायपुर के व्यापारियों, नेताओं और राजनीतिक रसूख वाले पत्रकारों के बताए जाते हैं ऐसे में इन पर विभाग कार्रवाई नहीं करती और ये लोग आम ग्रामीण जनता की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं।

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