रबी फसल में धान की खेती पर लगाई रोक तो होगा चक्काजाम – संजय चौधरी
सरायपाली। युवा नेता संजय चौधरी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर रबी फसल में धान की खेती न करने महासमुंद कलेक्टर के द्वारा मुनादी कराने के आदेश पर विरोध जताया एवं आदेश को निशर्त वापस लेने की मांग की है।
महासमुंद कलेक्टर द्वारा 28/10/2024 फसल विविधीकरण एवं जल संरक्षण का कारण बताते हुए रबी फसल में धान न लगाने के जिले के सभी अनुविभागीय,अधिकारियों,तहसीलदारों,जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी को मुनादी कराने के लिए आदेश जारी किया है।
चौधरी ने कहा कि भाजपा सरकार हमेशा से ही किसान विरोधी सरकार रही है किसान गांजा या अफीम की खेती नहीं करते हैं कि उन्हें अब खेती के लिये भी अनुमति लेनी पड़े धान उगाने पर भी सरकार अगर प्रतिबंध लगायेगी तो किसान कहां जायेंगे ?”
सरकार के फ़ैसले से बिफरे हुये हैं.उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ में पहले ही किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं. ऐसे में सरकार का यह निर्णय किसानों को मौत के मुंह में धकेलने की तरह है, सरकार औद्योगिक घरानों को तो हज़ार-हज़ार फीट गहरे बोरवेल करके भूजल दे रही है लेकिन किसानों के नाम पर सरकार को पानी की कमी का रोना आने लगता है।
छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है और छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में धान की पैदावार सबसे अधिक होती है
जमीन में दलहन, तिलहन और गेंहू जैसे अन्य फसल लगाने से फसलों में उत्पादन कम होता है. साथ ही इससे मजदूरों की समस्या और आर्थिक रूप से किसानों पर भार बढ़ेगा।
कोटवार गांवों में रबी फसल में धान की खेती नहीं करने की मुनादी कर रहे हैं और धान की फसल लगाने पर कृषि विभाग के अधिकारी धान की खेती नहीं करने एवं बिजली विभाग के अधिकारी बिजली काटने की धमकी देते घूम रहे हैं. इन सबके बीच सरकार को पानी पी-पीकर कोसते किसान फिलहाल सड़कों पर उतरने की तैयारी में है।
जोंक परियोजना को लेकर शासन प्रशासन काम करें तो पिथौरा बसना सरायपाली जल संकट की समस्या लगभग खत्म जाएगी। जलस्तर को बढ़ाने के लिए सभी बैराज, एनीकट, जलाशयों एवं अन्य अधोसंरचना का सर्वे कराकर मरम्मत योग्य कार्यों को शीघ्र मरम्मत कराने की मांग की जिससे कि जलस्तर बढ़ सके।
इस प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कलेक्टर महोदय से निवेदन करते है कि निशर्त वापस लेने की मांग करते हैं, किसानों को रवि फसल में धान की फसल लेने से रोका गया तो उग्र आंदोलन NH 53 पर चक्काजाम किया जाएगा जिसकी संपूर्ण जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी।