छत्तीसगढ़दुर्ग

कुख्यात अपराधी अमित जोश एनकाउंटर में ढेर, फोरेंसिक की अलग-अलग टीमों ने जुटाए साक्ष्य

दुर्ग। कुख्यात बदमाश अमित जोश को कल दुर्ग पुलिस की मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया। जिसके बाद आज दूसरे दिन फोरेंसिक की अलग-अलग टीमों ने मौका ए वारदात का निरीक्षण किया और मुठभेड़ से संबधित साक्ष्य एकत्रित किया। एकत्रित किए गए सभी तरह के सबूतों को पुलिस अब न्यायालय के समक्ष पेश करने की तैयारी कर रही है। इधर दुर्ग एसपी जितेंद्र शुक्ला ने प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी दी है कि अमित जोश के खिलाफ 35 प्रकरण दर्ज थे उस पर 40 हजार रुपयों का ईनाम पहले से था।

एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने बताया कि क्राइम ब्रांच डीएसपी हेमप्रकाश नायक को कल इस बात की पुख्ता जानकारी मिली थी की 24-25 जून की रात ग्लोब चौक पर फायरिंग कर दो लोगाें पर जानलेवा हमला करने वाला फरार आरोपी अमित जोश वापस शहर लौटा है और मोटर साइकिल में किसी के साथ जयंती स्टेडियम के आसपास घूम रहा है। जिसके बाद डीएसपी हेम प्रकाश नायक अपने साथ 10 लोगों की टीम लेकर मौके पर पहुंचे और अमित जोश को सरेंडर करने को कहा। लेकिन अमित जोश उल्टे पुलिस वालों पर अपनी गन से फायरिंग कर दिया, जिसके कारण पुलिस को भी जवाबी फायरिंग करनी पड़ी।

करीब 16 राउंड फायर पुलिस की तरफ से की गई, जिसमे पहली गोली उसके टांग में लगी और दूसरी उसके सीने में जिसके कारण अमित जोश वहीं घनी झाड़ियों के पास ढेर हो गया। वही मुठभेड़ के दौरान उसका साथी फरार हो गया। इधर अमित जोश की तरफ से 6 से 7 राउंड फायरिंग की गई है, पुलिस के अनुसार उसकी गोली से पुलिस की स्कार्पियो गाड़ी की ड्राइवर सीट का कांच टूट गया है। एसपी जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि पुलिस का हमेशा प्रयास रहता है, कि अपराधी को पकड़कर उसके विरुद्ध विधिसंवत करवाई की जाए, लेकिन सामने से यदि फायर कोई करेगा, तो अपने बचाव में पुलिस भी जवाबी कार्रवाई करेगी। इसी करवाई में अमित जोश मारा गया है।

कौन है अमित जोश-
अब आपको बताते है कि अमित जोश भिलाई के सेक्टर 6 में रहने वाला अपराधी था। अमित के पिता आर्ची और उसकी मां बीजी मोरिश ब्याज का धंधा करते थे। लोगों को ब्याज में पैसा देते थे। लोग जब पैसे वापस नहीं करते थे, तो उनसे मारपीट करते थे। एक तरह से अपराध की शिक्षा उसे घर से मिली। इसके बाद जब वह बड़ा हुआ, तो टाउनशिप के मकानों को कब्जा कर उसे किराए से देने का काम चालू किया। धीरे-धीरे क्षेत्र में अपनी दहशत बढ़ाने लगा। छीना झपटी, लूटपाट, डकैती और इसके बाद हाफ मर्डर जैसे 35 अपराध उसके खिलाफ विभिन्न थानों में दर्ज थे। दुर्ग पुलिस भी इसकी गुंडागर्दी से बेहद परेशान थी। आखिरकार अमित जोश अब पुलिस से हुई मुठभेड़ में मारा गया है और पुलिस सहित आसपास के लोगों को इस कुख्यात अपराधी से राहत मिल गई है।

इधर तहसीलदार कुलेश्वर खूंटे के समक्ष डॉक्टर कल्याण सिन्हा ने अमित जोश का पोस्टमार्टम किया और इसके बाद उसके शव को उसके परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया है अमित जोश के पहले दुर्ग जिले में 2005 और 2010 में भी एनकाउंटर हो चुका है। 2005 में तालपुरी के समीप गोविंद विश्वकर्मा का एनकाउंटर किया गया था। वहीं अक्टूबर 2010 में जामुल बोगदा पुलिया के पास शातिर नक्सली एरिया कमांडर एक लाख का इनामी नागेश और उसकी पत्नी तारा को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था।

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