रायपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर-कटनी रेल रूट पर ट्रेन को डीरेल करने की एक साजिश का खुलासा हुआ है। इस मामले में पेंड्रा आरपीएफ ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में आरोपी ने जो खुलासा किया है, वह हैरान करने वाला है। आरोपी ने बताया कि वह भनवारटंक स्थित माता के मंदिर में दर्शन करने के लिए गौरेला से पहुंचा था। मंदिर से लौटते वक्त वह यह भूल गया कि गौरेला जाने के लिए कौन सी ट्रेन लेनी है। जानकारी के अभाव में उसने ट्रैक के रास्ते पैदल जाने का निर्णय लिया। रास्ते में उसने पटरियों पर स्लैब रख दिया। पूछताछ में आरोपी ने कहा कि उसका उद्देश्य केवल ट्रेन को रोकना था ताकि वह उसमें चढ़ सके।
आरोपी का दावा है कि उसकी मंशा ट्रेन को रोकने की थी, न कि किसी दुर्घटना को अंजाम देने की। लेकिन, ट्रेन में चढ़ने का उसका यह खतरनाक तरीका एक बड़े हादसे का कारण बन सकता था। जब ट्रेन स्लैब से टकराई और हादसा होते-होते बचा, तो आरोपी डरकर भाग गया। वह ट्रेन रुकने के बाद उसमें चढ़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाया और 35-40 किलोमीटर की दूरी पटरियों के रास्ते पैदल तय कर गौरेला पहुंच गया। हादसे के बाद आरपीएफ ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया और ट्रैक पर चौकसी बढ़ा दी।
विपरीत दिशा से आ रहे ट्रैकमैन को इस घटना के बारे में सूचित किया गया। आरोपी जब ट्रैक पर चलते हुए पाया गया, तो ट्रैकमैन ने उसे रोका और अपने साथ बिठाकर आरपीएफ को सूचना दी। आरपीएफ ने स्पष्ट किया है कि आरोपी का उद्देश्य चोरी या अन्य कोई आपराधिक गतिविधि नहीं था। हालांकि, उसका लापरवाह व्यवहार हजारों यात्रियों की जान को जोखिम में डाल सकता था। रेलवे अधिकारियों ने आरोपी के खिलाफ रेलवे अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया है।