कोरबा। कोरबा में एक ऐतिहासिक फैसले में, पांच दोषियों को सामूहिक दुष्कर्म और ट्रिपल मर्डर के मामले में मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है। यह पहली बार है जब कोरबा में इतने बड़े पैमाने पर मृत्युदंड की सजा दी गई है। इस मामले में विशेष अदालत ने पांच आरोपियों को दोषी ठहराया और उन्हें फांसी की सजा सुनाई। छठे आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
यह घटना कोरबा के लेमरू थाना अंतर्गत गढ़ उपरोडा में 29 जनवरी 2021 की है। लेमरू थाना के सतरेंगा निवासरत संतराम मंझवार (45 वर्ष) के यहां पहाडी कोरवा परिवार मवेशी चराने का काम करता था। पहाड़ी कोरवा परिवार में पति-पत्नी, उनकी 16 वर्षीय बेटे और एक चार वर्ष की मासूम थी। संतराम पहाड़ी कोरवा परिवार को मवेशी चराने के एवज में 8 हजार रुपए मासिक और हर माह 10 किलो चावल देने का वादा किया था। लेकिन संतराम ने जानवरों को चराने के बदले महज 6000 रुपए दिया और 10 किलो चावल प्रतिमाह के अनुसार दिया। बचत पैसा मांगने पर संतराम विवाद कर टालमटोल कर देता था जिसके बाद 29 जनवरी, 2021 को कोरवा परिवार ने काम नहीं करने की बात कही और अपना हिसाब कर गांव लौटने लगे।
वहीं गांव लौटने के लिए सतरेंगा गांव के बस स्टैंड पर सभी खड़े थे, तभी संतराम मंझवार अपने साथी अनिल कुमार सारथी, उमाशंकर यादव, परदेशी दास, आनंद दास और अब्दुल जब्बार उर्फ विक्की के साथ बाइक से वहां पहुंच गया। पूर्व बनाएं योजना के अनुसार संतराम ने पहाड़ी कोरवा परिवार को बाइक से गांव छोड़ देने की बात कही। इस बीच एक बाइक में महिला को आगे भेज दिया गया, जबकि संतराम ने पहाड़ी कोरवा को शराब पिलाया। इसके बाद सभी ने कुछ दूर ले जा कर नाबालिग के साथ गैंगरेप को अंजाम दिया। इस पर पिता ने विरोध किया तो डंडा और पत्थर से हमलाकर उसे मार दिया। इससे पहाड़ी कोरवा की मौत हो गई। वहीं अपराध छिपाने के लिए पीड़िता और मासूम की भी पत्थर मार कर हत्या कर दी।
विशेष न्यायाधीश ममता भोजवानी ने मुख्य आरोपी संतराम मंझवार, अनिल सारथी, उमाशंकर यादव, आनंदराम पनिका, और परदेशी राम पनिका को मृत्युदंड दिया, जबकि छठे आरोपी अब्दुल जब्बार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। यह फैसला छत्तीसगढ़ के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जहां पहली बार पांच लोगों को एक साथ मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है।