गरियाबंदछत्तीसगढ़

पार्षद पद पर भाजपा को पीछे छोड़ते हुए कांग्रेस ने मारी बाजी, जानिए भाजपा को कितने आवेदन मिले..

गरियाबंद। आगामी नगरीय निकाय चुनावों ने भाजपा और कांग्रेस के भीतर राजनीतिक गतिविधियां तेज कर दी हैं। इन चुनावों में अध्यक्ष और पार्षद पदों को लेकर दिलचस्प समीकरण बनते नजर आ रहे हैं। अध्यक्ष पद के लिए भाजपा में उत्साह अधिक दिखा, जहां चार उम्मीदवारों ने कांग्रेस से ज्यादा आवेदन दाखिल किए हैं। हालांकि, पार्षद पद पर कांग्रेस ने भाजपा को पीछे छोड़ते हुए 50 आवेदन प्राप्त किए, जबकि भाजपा को 45 आवेदन मिले।

नामांकन प्रक्रिया का पहला दिन: सन्नाटा लेकिन उत्सुकता बरकरार

आज से शुरू हुई नामांकन प्रक्रिया के पहले दिन किसी भी दल के सदस्य ने नामांकन दाखिल नहीं किया।वही माना जा रहा है कि दोनों पार्टियां अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने और आलाकमान से हरी झंडी का इंतजार कर रही हैं।

अध्यक्ष पद पर भाजपा में कड़ी प्रतिस्पर्धा, कांग्रेस सतर्क

भाजपा के अध्यक्ष पद के लिए चार अधिक दावेदारों का सामने आए है सूत्रो का कहना है कि पार्टी में अध्यक्ष पद को लेकर चर्चा तेज है और हर उम्मीदवार अपने पक्ष में माहौल बनाने में जुटा है। दूसरी ओर, कांग्रेस इस बार अध्यक्ष पद के लिए बेहद सतर्क दिखाई दे रही है।

पार्षद पद पर कांग्रेस की बढ़त, भाजपा में उम्मीदें बरकरार

कांग्रेस को पार्षद पद के लिए 50 आवेदन प्राप्त हुए, जिससे साफ है कि पार्टी इस स्तर पर मजबूत पकड़ बनाए हुए है। भाजपा, हालांकि, पार्षद पद के लिए 45 नामांकन के साथ उत्साहित है और इसे एक कड़ी टक्कर के रूप में देख रही है।

आलाकमान पर टिक गईं निगाहें

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि दोनों पार्टियों का शीर्ष नेतृत्व किसे मौका देता है। आलाकमान की पसंद न केवल संगठन के भीतर संतुलन बनाएगी, बल्कि चुनावी समीकरणों को भी नई दिशा देगी। आगामी दिनों में यह देखना रोचक होगा कि नामांकन प्रक्रिया के दौरान क्या नए समीकरण बनते हैं और कौन-कौन प्रमुख चेहरे उभरते हैं।

राजनीतिक माहौल गर्माने की तैयारी

चुनावों के मद्देनजर दोनों दलों के कार्यकर्ता और नेता जोश में हैं। अंदरखाने रणनीतियां बन रही हैं, समर्थकों का समर्थन जुटाने की कवायद तेज हो चुकी है। चुनावी माहौल धीरे-धीरे गरमा रहा है, और आगामी कुछ दिनों में राजनीतिक सरगर्मियां अपने चरम पर पहुंचने की उम्मीद है।

इस बार के चुनाव न केवल दोनों दलों की आंतरिक स्थिति को उजागर करेंगे, बल्कि आगामी स्थानीय और राज्य स्तरीय चुनावों की दिशा भी तय करेंगे।

 

 

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