
बता दें कि प्रबंधक जगदीश राजवाड़े पर भंडार क्रय नियमों का उल्लंघन करते हुए 12 नग तारपोलिन 9,500 रुपये प्रति नग की दर से खरीदने का आरोप लगा है। यह खरीदी प्रक्रिया पारदर्शिता और नियमों के विपरीत बताई जा रही है। इसके अलावा, उन पर धान खरीदी में भी भारी धांधली के आरोप लगे हैं। निलंबन के बाद अमेरा धान समिति का प्रभार अस्थायी रूप से कंप्यूटर ऑपरेटर को सौंप दिया गया है। प्रशासन ने इस मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और आरोपों की पुष्टि होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।