
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर नक्सल प्रभावित गाँवों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई नियद नेल्ला नार योजना से विकास की रोशनी अब दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंचने लगी है। इसी क्रम में सुकमा जिले के अंतिम ब्लॉक कोंटा के पूवर्ती कैंप अंतर्गत नियद नेल्ला नार ग्राम पंचायत पेंटाचिमली के ग्राम टेकलगुड़ियम में 75 घरों में पहली बार बिजली पहुंची। आजादी के बाद पहली बार गांव में बिजली के बल्ब जले, जिससे वहां के निवासियों के जीवन में नई रोशनी आई।
इस महत्त्वपूर्ण परियोजना के सफल क्रियान्वयन में विद्युत विभाग के कार्यपालन अभियंता जे. के. रकेट्टा और उनकी टीम ने विशेष योगदान दिया। उन्होंने गांव तक बिजली पहुंचाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता और मेहनत से कार्य किया। वर्षों से बुनियादी सुविधाओं से वंचित टेकलगुड़ियम के ग्रामीणों के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण रहा। जैसे ही गांव में बिजली के बल्ब जले, ग्रामीणों की आंखों में खुशी झलक उठी।
दूरस्थ और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से हो रहा विकास
छत्तीसगढ़ सरकार माओवाद प्रभावित और दूरस्थ इलाकों में तेजी से विकास कार्य कर रही है। बिजली के साथ-साथ सड़क, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाएं गांव-गांव तक पहुंचाई जा रही हैं। इस पहल से यह साबित हो रहा है कि विकास केवल शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि ग्रामीण और संवेदनशील इलाकों को भी इसका पूरा लाभ मिल रहा है। टेकलगुड़ियम के ग्रामीणों का कहना है कि अब वे भी विकास की मुख्यधारा में शामिल हो सकेंगे।
शिक्षा और आर्थिक विकास को मिलेगी गति
बिजली की सुविधा मिलने से गांव में कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे:
✅ बच्चों की पढ़ाई पहले से बेहतर हो सकेगी, क्योंकि अब वे रात में भी रोशनी में अध्ययन कर सकेंगे।
✅ छोटे स्तर पर व्यापार और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
✅ डिजिटल सेवाओं का विस्तार होगा, जिससे गांव के लोग सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ आसानी से उठा सकेंगे।
स्थानीय प्रशासन ने भी आश्वासन दिया है कि आने वाले समय में गांव में अन्य जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। टेकलगुड़ियम में पहुंची यह विकास की रोशनी पूरे क्षेत्र के लिए एक नई शुरुआत साबित होगी।