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सुनसान सड़कें, हर तरफ मायूसी, नजर आ रहे सिर्फ सुरक्षाबल, 35 साल में पहली बार घाटी में दिखा ऐसा नजारा

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का पूरे देश में विरोध देखने को मिल रहा है। देश के अलग-अलग हिस्सों में लोग इस हमले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं जम्मू और कश्मीर में भी आतंकी हमले के खिलाड़ बंद की अपील की गई थी और अब इस अपील का व्यापक असर देखने के लिए मिल रहा है। कारोबारी संगठन के साथ राजनीतिक दलों ने इस बंद की अपील की थी। इसी के चलते ये हुआ कि, 35 साल में पहली बार घाटी में इतना बड़ा बंद देखा गया है। इतना ही नहीं 35 सालों में पहली बार घाटी सुनी नजर आ रही है। दरअसल, मंगलवार को आतंकवादियों ने पहलगाम में गोली मारकर 26 लोगों की हत्या कर दी थी। मरने वालों में अधिकतर पर्यटक थे। इस हमले के बाद से कश्मीर घाटी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।

सुनसान हुई घाटी

आपको बता दें कि, जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में दुकाने, दूसरे व्यापारिक प्रतिष्ठान और पेट्रोल पंप समेत स्कूल-कॉलेज बंद है। अधिकारियों ने बताया कि केवल जरूरी वस्तुओं की दुकानें ही खुलीं हुई है। इतना ही नहीं बंद का असर ऐसा है कि, जम्मू-कश्मीर की सड़कों पर सार्वजानिक परिवहन के वाहन भी नजर नहीं आ रहे है। जम्मू में एहतियात के तौर पर संवेदनशील इलाकों में पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किया गया है।

 

प्रमुख पार्टियों ने की बंद की अपील

आपको बता दें कि, पहलगाम में हुए आतंकी हमले का विरोध करते हुए बंद की अपील करने वालों में नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और अपनी पार्टी शामिल है। इतना ही नहीं जम्मू में कांग्रेस, जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, जम्मू बार एसोसिएशन, विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय बजरंग दल ने जम्मू बंद की अपील की थी। मुत्ताहिदा मजलिस उलेमा (एमएमयू) और जम्मू-कश्मीर के ग्रैंड मुफ्ती नासिर-उल-इस्लाम जैसे धार्मिक संगठनों ने बंद की अपील की थी।

 

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