आरंगछत्तीसगढ़

अग्निशमन डेमोंसट्रेशन रसोईया प्रशिक्षण में रहा आकर्षण का केंद्र, 500 से अधिक हुई प्रशिक्षित

आरंग। शुक्रवार को जिला शिक्षा अधिकारी रायपुर के मार्गदर्शन में विकासखंड स्तरीय रसोईया प्रशिक्षण का आयोजन शासकीय अरुंधती देवी उच्चतर माध्यमिक हिंदी मीडियम विद्यालय के पांच कक्षों में किया गया इस अवसर पर विकासखंड शिक्षा अधिकारी दिनेश शर्मा ने रसोइयों से प्रशिक्षण के उद्देश्य पर चर्चा करते हुए कहा की शिक्षा विभाग का मुख्य केंद्र बिंदु विद्यार्थी है अतः मीनू के अनुसार बच्चों को संतुलित, स्वस्थ, गुणवत्ता युक्त आहार दे, उन्होंने कहा कि रसोईया गण न केवल विद्यालय अपितु शासन की महत्वपूर्ण इकाई है उन्होंने रसोइयों की समस्याओं को भी सुना एवं समाधान करते हुए शासन की जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी और बच्चों को दिए जाने वाले प्रोटीन युक्त आहार की मात्रा का भी विश्लेषण किया।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवा फायर ब्रिगेड बस का डेमोंसट्रेशन आकर्षण का केंद्र रहा इस अवसर पर ब्रिगेड ऑफिसर इंद्रजीत साहू ने अपनी टीम के साथ डेमोंसट्रेशन करके बताया जिसमें सिलेंडर में आग लगाकर उसके बचाव की प्रक्रिया,पानी के बौछार से आग युक्त सिलेंडर का शमन, फायर (CO2) समझाया गया, जिसमें रसोइयों ने बड़े उत्साह के साथ प्रैक्टिस में भाग लिया, साथ ही स्वास्थ्य परामर्शदाता चंद्रशेखर राव ने विद्यार्थियों को आयु के अनुरूप संतुलित आहार एवं अंकुरित अनाज का महत्व भी समझाया वही मास्टर ट्रेनर तारकेश्वर साहू, हरीश दीवान, अपर्णा तिवारी, विजय देवांगन, उगेश साहू, दीपक दुबे, अरविंद वैष्णव, महेंद्र पटेल ने अपने प्रशिक्षण में पौष्टिक आहार, विभिन्न तत्व उनके कार्य तथा संतुलित भोजन का महत्व, रसोई घर में स्वयं तथा रसोई घर की सुरक्षा इंतजाम हेतु आवश्यक बातें, हाथ धुलाई का सही तरीका, स्वच्छता, रसोई घर में पहनावा तथा शुद्ध पेयजल की व्यवस्था हेतु आवश्यक जानकारी देते हुवे भोजन में विविधता लाना और पौष्टिकता का भी ध्यान रखना तथा भोजन में छत्तीसगढ़ी व्यंजनों को शामिल करने हेतु सुझाव भी व्यक्त किया।

इस अवसर पर सहायक ग्रेड 2 घनश्याम रात्रे, केशव डहरिया तथा कार्यक्रम में अभिषेक तिवारी, मनोज मुछावर, लकी डहरिया, भानु साहू, लोकेश्वर साहू, अमित अग्रवाल, यूवराम साहू, राजपाल चंद्राकर, फायर ब्रिगेड टीम बाय स्टीफन, राजेश गायकवाड, ललित चेलक आदि की सहभागिता रही। एवं 48 संकुल के प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के 500 से भी अधिक रसोइयों की उपस्थिति उल्लेखनीयरही।

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