
राइस मिल से सरकारी धान गायब! राइस मिलर्स को शोकॉज नोटिस, घोटाले पर होगी कार्रवाई?
महासमुंद। जिले के पिथौरा में एक कृष्ण राइस मिल से सरकारी धान के स्टेक से 6 हजार से अधिक धान का कट्टा गायब हो गया है। मामले का खुलासा तब हुआ जब खाद्य विभाग के अधिकारी और विपणन के अधिकारी जांच में पहुंचे थे। मामले में राइस मिलर्स को शोकॉज नोटिस दिया गया है।
हम आपको बता दें कि सरकारी धान गायब होने पर कार्रवाई में स्टॉक की जब्ती, मिल सील करना, FIR दर्ज करना, आर्थिक दंड, और लाइसेंस रद्द करना शामिल हो सकता है। ये कार्रवाइयां स्थानीय प्रशासन, खाद्य विभाग, और कानूनी प्रावधानों (जैसे छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन आदेश 2016) के आधार पर की जाती हैं।
हैरानी की बात यह है कि जिस मिलर्स का सरकारी धान राइस मिल से गायब मिला है उसी राइस मिलर्स का 6 हजार के लगभग धान का कट्टा पिथौरा के मंडी में बिना किसी सरकारी परमिशन के पाया गया है। मिलर्स और सरकारी अधिकारियों की इसमें क्या सांठगांठ है यह अभी कुछ कहना मुश्किल है लेकिन यह बात तो स्पष्ट है कि जिले में मिलर्स द्वारा सरकारी सीएमआर के धान में घोटाला किया जा रहा है।
मामले में खाद्य अधिकारी अजय यादव का कहना है कि जांच में 6 हजार से अधिक कट्टा धान राइस मिल में नहीं पाया गया जिस वजह से राइस मिलर्स पर कार्रवाई की जा रही है। जांच अधिकारियों द्वारा पंचनामा कर मामले को जिला कलेक्टर को अग्रेषित कर दिया गया है। वहीं मंडी सचिव पिथौरा का कहना है कि किसन अग्रवाल ने मंडी में मौखिक रूप से अपना धान 15 दिवस के लिए रखवाया था। जो डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी धान का उठाव नहीं किया है। किसन अग्रवाल से अब मंडी अधिनियम के तहत किराया लिया जाएगा।