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छत्तीसगढ़ में बिजली उपभोक्ताओं को फिर महंगे बिल का झटका! FPPAS सरचार्ज फिर लागू

छत्तीसगढ़ में बिजली उपभोक्ताओं को फिर महंगे बिल का झटका! FPPAS सरचार्ज फिर लागू

रायपुर। छत्तीसगढ़ के 65 लाख बिजली उपभोक्ताओं को इस महीने महंगाई को झटका लगने वाला है। मई के बिल में फ्यूल पॉवर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज (FPPAS) दोबारा लागू होने से उपभोक्ताओं को ज्यादा बिजली बिल चुकाना होगा। इसके साथ ही, आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए टैरिफ बढ़ोतरी का प्रस्ताव भी सामने आया है, हालांकि इसका अंतिम फैसला राज्य विद्युत नियामक आयोग को करना है।

अप्रैल में राहत, मई में सरचार्ज की वापसी

अप्रैल 2024 में उपभोक्ताओं को FPPAS शुल्क से राहत मिली थी, जब एनटीपीसी लारा से ली गई बिजली की पुरानी देनदारी समाप्त होने के कारण यह शुल्क माइनस में चला गया था। इससे उपभोक्ताओं को 12.61% तक की राहत मिली थी। लेकिन मई 2025 के बिल में यह राहत खत्म हो गई है। अब 7.32% FPPAS शुल्क के हिसाब से राशि जोड़ी जा रही है, जो अप्रैल की खपत पर आधारित है। इसका असर जून के बिलों में दिखेगा।

ऊर्जा विशेषज्ञों का कहना है कि FPPAS शुल्क उत्पादन लागत के अंतर पर निर्भर करता है, इसलिए आने वाले महीनों में यह शुल्क बढ़ या घट सकता है। VCA की जगह FPPAS फॉर्मूला पहले लागू वेरिएबल कॉस्ट एडजस्टमेंट (VCA) की जगह अब FPPAS फॉर्मूला लागू किया गया है, जो बिजली की उत्पादन लागत पर आधारित है। यह फॉर्मूला अप्रैल 2023 से प्रभावी है और तब से उपभोक्ताओं को हर महीने इस शुल्क का भुगतान करना पड़ रहा है।

अप्रैल 2024 में पहली बार इस शुल्क से राहत मिली थी, लेकिन उत्पादन लागत में बदलाव के कारण मई में यह फिर से लागू हो गया। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक लागत में अंतर रहेगा, यह शुल्क उपभोक्ताओं पर बोझ डालता रहेगा।

टैरिफ बढ़ोतरी की संभावना

छत्तीसगढ़ पॉवर कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राज्य विद्युत नियामक आयोग को नया टैरिफ प्रस्ताव सौंपा है। इसमें कंपनी ने अनुमान लगाया है कि वह 24,652 करोड़ रुपये की बिजली बिक्री करेगी, जबकि खर्च 23,082 करोड़ रुपये तक सीमित रहेगा। इससे कंपनी को 1,570 करोड़ रुपये का लाभ होने की उम्मीद है।

हालांकि, 2023-24 में कंपनी को 6,130 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। प्रस्तावित लाभ को घटा देने पर 4,560 करोड़ रुपये का अंतर रह जाता है। इस घाटे को पाटने के लिए कंपनी ने टैरिफ बढ़ाने की मांग की है। विद्युत नियामक आयोग जल्द ही इस पर फैसला लेगा, लेकिन संकेत हैं कि टैरिफ में बढ़ोतरी तय है।

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