कल देशभर में बंद रहेंगे पेट्रोल पंप? ट्रेड यूनियन ने किया भारत बंद का ऐलान, जानिए किन सेवाओं पर पड़ेगा असर

कल देशभर में बंद रहेंगे पेट्रोल पंप? ट्रेड यूनियन ने किया भारत बंद का ऐलान, जानिए किन सेवाओं पर पड़ेगा असर
नई दिल्ली। केंद्र सरकार की आर्थिक और मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने कल यानि 9 जुलाई को देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। इस हड़ताल में बैंक, बीमा क्षेत्र के कर्मचारी के साथ ही आशा और आशा फैसिलिटेटर भी शामिल होंगे। देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में मजदूर संगठनों, किसान संगठनों और महागठबंधन के घटक दल भी सामने आ रहे हैं। अब बैंक कर्मचारियों के एक संगठन ने भी कहा है कि वे इस हड़ताल में शामिल होंगे। यदि ऐसा हुआ तो आगामी बुधवार को आपको बैंकिंग सुविधाओं से वंचित रहना होगा। वहीं, अब कई जगह पर ये पूछा जा रहा है कि क्या पेट्रोल पंप भी कल बंद रहेंगे? तो आपको बता दें कि कल पेट्रोल पंप बंद नहीं रहेंगे।
ट्रेड यूनियनों की मानें तो देशभर में मजदूरों के अधिकारों पर हमले हो रहे हैं। साथ ही केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियां भी सही नहीं है। इन्ही मुद्दों को लेकर केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने आगामी नौ जुलाई को आम हड़ताल का आह्वान किया है। इसके समर्थन में मजदूर संगठनों, किसान संगठनों और महागठबंधन के घटक दल भी सामने आ रहे हैं। अब बैंक कर्मचारियों के एक संगठन ने भी कहा है कि वे इस हड़ताल में शामिल होंगे। यदि ऐसा हुआ तो आगामी बुधवार को आपको बैंकिंग सुविधाओं से वंचित रहना होगा।
बंगाल प्रोविंशियल बैंक एम्प्लॉइज एसोसिएशन (Bengal Provincial Bank Employees Association), जो AIBEA से जुड़ा है, ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि AIBEA, AIBOA और BEFI जैसे बैंकिंग सेक्टर के ट्रेड यूनियनों ने बुधवार को आम हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है। एसोसिएशन ने अपने बयान में कहा कि बीमा क्षेत्र ने भी हड़ताल में शामिल होने का निर्णय लिया है। संगठन के अनुसार, बैंकिंग और अन्य वित्तीय क्षेत्रों में हड़ताल पूरी तरह से सफल रहेगी।
बैंक कर्मचारियों के यूनियन की माने तो इस हड़ताल में 15 करोड़ से ज़्यादा कर्मचारी भाग लेंगे। वे सरकार की “प्रो-कॉर्पोरेट आर्थिक सुधारों और एंटी-लेबर नीतियों” का विरोध करेंगे। इसका मतलब है कि कर्मचारी सरकार की उन नीतियों से नाराज़ हैं जो कंपनियों को फायदा पहुंचाती हैं और श्रमिकों के खिलाफ हैं। कर्मचारी सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे हैं।
वहीं बिहार राज्य आशा एवं आशा फैसिलिटेटर संघ ने भी हड़ताल में शामिल होकर प्राथमिक स्वास्थ्य केद्रों पर धरना प्रदर्शन आयोजित करेगा। राज्य के ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा के बुनियाद रूप में आशा एवं आशा फैसिलिटेटर द्वारा लगातार प्रयास किए जाने से संस्थागत प्रसव, जन्म-मृत्यु दर, मातृ-शिशु मृत्यु दर और टीकाकरण कार्य में प्रगति हुई है। 9 जुलाई को देश के 10 श्रम संगठन स्वतंत्र फेडरेशन सार्वजनिक प्रतिष्ठान, विभिन्न संगठित एवं असंगठित मजदूर सहित सभी स्कीम वर्कर एक दिवसीय राष्ट्रीयव्यापी हड़ताल में भाग लेंगे।