
विधानसभा में रेत खनन मुद्दे पर हंगामा! विपक्ष ने उठाए सवाल, अध्यक्ष ने चर्चा से किया इनकार, विरोध में वॉकआउट
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज शून्यकाल के दौरान अवैध रेत उत्खनन का मुद्दा जोरदार ढंग से उठा। नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने आरोप लगाया कि पूरे प्रदेश में पुलिस और माइनिंग अधिकारियों की मिलीभगत से रेत माफिया बेलगाम हो चुके हैं। उन्होंने कहा, “अब खदानों में गोलियां चल रही हैं और जिंदा इंसानों पर ट्रक चढ़ाए जा रहे हैं।” उन्होंने इस विषय पर चर्चा की स्वीकृति की मांग की।
महंत के समर्थन में कई कांग्रेस विधायकों ने अपनी बात रखी। उमेश पटेल ने कहा कि जब माइनिंग अधिकारियों से पूछताछ की जाती है तो वे साफ कहते हैं कि ‘हमें ऊपर से आदेश है इन्हें न पकड़ने का।’ उन्होंने रायगढ़ जिले के मांड नदी में हो रहे अवैध खनन का हवाला देते हुए चर्चा की आवश्यकता जताई।
वहीं देवेंद्र यादव ने कहा कि आज के समय में पत्रकार भी सुरक्षित नहीं हैं, पूरी सरकारी मशीनरी माफियाओं से मिली हुई है। दिलीप लहरिया ने कहा कि बारिश के मौसम में भी महानदी से अवैध रूप से रेत सप्लाई की जा रही है और माफिया चाकूबाजी तक करने लगे हैं।
रामकुमार यादव और अन्य विधायकों ने भी इस पर तत्काल चर्चा की आवश्यकता बताई। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि “रेत खनन का यह मुद्दा निर्माण से जुड़ा हुआ है। सरकार को जेब में रखकर माफिया नदियों को खाली कर रहे हैं। आपके जिले में गोलियां चल रही हैं, यह विषय बेहद गंभीर है।”
हालांकि विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने स्थगन सूचना के बावजूद इस विषय को सदन में चर्चा योग्य नहीं माना और ग्राह्यता अस्वीकार कर दी। इसके विरोध में कांग्रेस विधायकों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।विधानसभा में रेत माफियाओं की बढ़ती दादागिरी और प्रशासनिक चुप्पी को लेकर विपक्ष ने सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है, लेकिन सदन में चर्चा न होने से नाराजगी और अधिक गहराती दिख रही है।