HIV के लक्षण: जानिए क्या हैं शुरुआती संकेत…

HIV के लक्षण: जानिए क्या हैं शुरुआती संकेत…
नई दिल्ली। HIV यानी ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस एक ऐसा संक्रमण है जो शरीर की इम्यूनिटी को कमजोर कर देता है. यह वायरस मुख्य रूप से असुरक्षित इंटरकोर्स, संक्रमित सुई के प्रयोग, ब्लड ट्रांसफ्यूजन और मां से बच्चे में जन्म या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान फैलता है. HIV से संक्रमित व्यक्ति का इम्यून सिस्टम धीरे-धीरे कमजोर होता है, जिससे शरीर सामान्य संक्रमणों से लड़ने में असमर्थ हो जाता है. असुरक्षित इंटरकोर्स रखने वाले, ड्रग्स के लिए इंजेक्शन का उपयोग करने वाले और HIV पॉजिटिव माताओं के नवजात शिशु सबसे ज्यादा जोखिम में रहते हैं. समय पर पहचान और इलाज से इस संक्रमण को कंट्रोल किया जा सकता है.
HIV संक्रमण तीन चरणों में बढ़ता है. पहला चरण एक्यूट HIV इंफेक्शन कहलाता है, जिसमें वायरस तेजी से शरीर में फैलता है. दूसरा चरण क्लिनिकल लेटेंसी है, जिसमें वायरस एक्टिव रहता है लेकिन लक्षण कम दिखाई देते हैं. अंतिम चरण AIDS होता है, जहां इम्यून सिस्टम गंभीर रूप से कमजोर हो जाता है. इस दौरान मरीज को बार-बार गंभीर संक्रमण और बीमारियां होने लगती हैं. HIV का असर धीरे-धीरे शरीर की इम्यूनिटी को खत्म कर देता है, जिससे साधारण बीमारियां भी जानलेवा हो सकती हैं. समय रहते इलाज न होने पर यह शरीर के लगभग हर अंग को प्रभावित कर सकता है.
HIV के शुरुआती लक्षण क्या हैं?
लेडी हार्डिंग हॉस्पिटल में डॉ. एलएच घोटकर बताते हैं कि HIV के शुरुआती लक्षण कई बार सामान्य वायरल संक्रमण जैसे लगते हैं, इसलिए लोग इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं. संक्रमण के 2 से 4 हफ्तों के भीतर मरीज को बुखार, गले में खराश, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकान महसूस हो सकती है. कुछ लोगों में शरीर पर लाल चकत्ते, सूजी हुई लसीकाग्रंथियां यानी लिम्फ नोड्स और रात को पसीना आना भी देखा जाता है.
वजन तेजी से घटना, बार-बार दस्त लगना और लगातार कमजोरी रहना भी आम लक्षणों में शामिल हैं. शुरुआती चरण के लक्षण कुछ हफ्तों में खुद ही खत्म हो सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वायरस खत्म हो गया है. यह शरीर में छिपा रहता है और धीरे-धीरे इम्यून सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है. इसलिए अगर ऐसे लक्षण दिखें तो समय पर HIV टेस्ट करवाना जरूरी है ताकि संक्रमण की जल्द पहचान और इलाज हो सके.
कैसे करें बचाव?
- हमेशा सुरक्षित इंटरकोर्स करें.
- सुई, ब्लेड और रेज़र साझा करने से बचें.
- HIV पॉज़िटिव प्रेग्नेंट महिलाएं डॉक्टर की सलाह से इलाज लें ताकि संक्रमण बच्चे में न फैले.
- केवल स्क्रीन किए गए और सुरक्षित ब्लड ट्रांसफ्यूजन ही करवाएं.
- ड्रग्स के इंजेक्शन के उपयोग से बचें.
- HIV की समय-समय पर जांच करवाते रहें.