
महानदी पर बना पुल का हिस्सा धँसा, कांकेर प्रशासन ने आवाजाही पर लगाई रोक…
कांकेर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में चारामा रेत तस्करी का केंद्र बन चुका है, महानदी में इस बार 15 से अधिक रेत खदाने स्वीकृत की गई थी, यही नहीं अवैध रूप से भी धड़ल्ले से रेत निकाली गई, रोजाना रेत से भरी सैकड़ों भारी वाहनों के गुजरने से हाराडुला में महानदी पर बना पूल क्षतिग्रस्त हो गया है, पूल के बीच हिस्सा धंसने से मार्ग में आवाजाही रोक दी गई है, पूल का बीच का हिस्सा लगभग गिरने की कगार पर है, जिसकी सूचना पर प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और पूल से आवाजाही पूरी तरह बंद करवा दी है।
इस पूल से आवाजाही बंद होने से इसका सीधा नुकसान इस क्षेत्र के 15 से अधिक गांव के लोगों को होगा जिन्हें अब कांकेर जिला मुख्यालय आने के लिए 20 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करनी पड़ेगी, यही नहीं हाराडुला हाई स्कूल में पढ़ने वाले नदी के दूसरे छोर के गांव के बच्चों को भी 15 किलोमीटर घूम कर स्कूल आना होगा, जबकि इसके पहले सिर्फ 1 किलोमीटर दूरी तय करनी पड़ती थी।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि रेत तस्करों ने इस कदर रेत का उत्खनन किया है कि नदी 10 फीट तक गहरी हो गई है, यही कारण है कि नदी पर बने पूल को नींव तक हिल गई, यही नहीं रोजाना रेत से भरी ओवरलोड हाइवा वाहनों की आवाजाही से पूल पर भार पड़ता रहा और पूल अब बीच से टूट गया है, जो कभी भी गिर सकता है।
चारामा के हाराडुला में नदी के दोनों छोर पर रेत खदान स्वीकृत था, और इसी स्थान पर अवैध रूप से रेत खनन करने की शिकायत ग्रामीण कई बार कर चुके थे, लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।
ग्रामीणों ने प्रशासन पर रेत तस्करों से मिलीभगत का आरोप लगाते कहा कि अब पूल टूटने से उनकी दिक्कत बढ़ गई है, प्रशासन के किसी अधिकारी को इस मार्ग से आना जाना नहीं करना होता है इसलिए उन्हें फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन नदी के दोनों छोर के ग्रामीणों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है।