
बांध से पानी नहीं छोड़ने पर किसानों ने धरना देने व चक्काजाम की दी चेतावनी
आरंग। अवर्षा के चलते खेत सूखने की कगार पर हैं और धान के पौधे मुरझाने लगे हैं। धान चलाई व निंदाई का काम पानी के अभाव में पूरी तरह थम चुका है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए जिला पंचायत सदस्य वतन चन्द्राकर,किसान नेता पारस नाथ साहू व गोविंद चन्द्राकर सहित किसानों ने एसडीएम आरंग के माध्यम से जिलाधीश रायपुर को ज्ञापन सौंपकर गंगरेल बांध से नहर में तत्काल पानी छोड़ने की मांग की। किसानों ने चेतावनी दी कि यदि 3 दिनों के भीतर नहर में पानी नहीं छोड़ा गया तो 15 अगस्त को वे मजबूर होकर फोर लेन में रसनी टोल नाका प्लाजा धरना-प्रदर्शन कर चक्काजाम करेंगे जिनकी जबावदेही शासन प्रशासन की होगी।
किसानों ने बताया कि गंगरेल बांध में इस समय 78 प्रतिशत पानी भरा है, फिर भी नहर सूखी है। खेतों में फसल बचाने के लिए पानी जरूरी है, वरना इस बार भारी नुकसान तय है। इधर जिला पंचायत सदस्य व ग्राम पंचायत रसनी के प्रगतिशील किसान वतन चन्द्राकर ने कहा कि आज हालात इतने खराब हैं कि किसान अपने खेतों को प्यासा देख रहा है और बांध में पानी भरा पड़ा है। अगर प्रशासन ने समय रहते नहर में पानी नहीं छोड़ा तो पूरे इलाके में धान की फसल चौपट हो जाएगी। हम बार-बार दरवाजे खटखटा चुके हैं, अब धरना-प्रदर्शन हमारा मजबूर कदम होगा।
रीवा के किसान दौलत साहू ने कहा कि धान के पौधों को इस समय पानी की सख्त जरूरत है। एक-एक दिन की देरी हमारी मेहनत और सालभर की उम्मीद को बर्बाद कर सकती है। सरकार को किसानों की पीड़ा समझकर तुरंत गंगरेल से पानी छोड़ना चाहिए, ताकि फसल बच सके और हम अपने परिवार का पेट भर सकें।फरफौद के किसान गोविंद चन्द्राकर ने कहा कि धान के पौधे पानी के बिना पीले पड़ने लगे हैं, अगर अब भी पानी नहीं मिला तो हमें बोआई का पूरा मेहनताना डूब जाएगा।
रीवा के सरपंच व किसान घसिया राम साहू ने कहा कि हमने खाद और मजदूरी पर हजारों रुपये खर्च कर दिए, लेकिन बिना पानी के फसल बचाना असंभव है।”
बरछा के किसान उत्तम टण्डन ने कहा कि सरकार अगर समय पर पानी नहीं छोड़ेगी तो किसानों को भुखमरी झेलनी पड़ेगी, धरना हमारा आखिरी विकल्प होगा।”
खौली के किसान हिरेश चन्द्राकर ने कहा, “नहर में पानी नहीं आने से मजदूरों का काम भी बंद हो गया है, अब तो घर का खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया है।”
किसान श्रवण चन्द्राकर ने कहा कि हम बार-बार गुहार लगा चुके हैं, अब धरने पर बैठकर ही अपनी बात शासन तक पहुंचाएंगे।
रीवा के प्रगतिशील किसान व किसान नेता द्वारिका साहू ने कहा कि बांध में पानी भरा है, लेकिन खेत प्यासे हैं, यह किसानों के साथ अन्याय है।”
किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि हालात की गंभीरता को देखते हुए तुरंत नहर में पानी छोड़ा जाए, ताकि फसल और मेहनत दोनों बच सकें।