‘यह सिर्फ फिल्म नहीं, सच का आईना है, ‘उदयपुर फाइल्स’ मासूम हिंदुओं पर हुए क्रूर अत्याचार की दर्दनाक दास्तान…

‘यह सिर्फ फिल्म नहीं, सच का आईना है, ‘उदयपुर फाइल्स’ मासूम हिंदुओं पर हुए क्रूर अत्याचार की दर्दनाक दास्तान…
नई दिल्ली। 9 अगस्त 2025 – विवादों और कानूनी लड़ाई के बाद रिलीज हुई फिल्म “उदयपुर फाइल्स” ने एक बार फिर देश को उस दर्दनाक घटना की याद दिला दी, जिसने पूरे हिंदुस्तान को हिला कर रख दिया था। यह फिल्म मासूम हिंदू दर्जी कान्हैयालाल की बेरहमी से की गई हत्या और उसके पीछे की कट्टरपंथी सोच को परदे पर उतारती है।
कानूनी रुकावटों के बीच सच्चाई की जंग
11 जुलाई को रिलीज़ होने वाली फिल्म पर दिल्ली हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा – “Let the film be released.” इसके बाद 8 अगस्त को पूरे देश के 4,500 सिनेमाघरों में फिल्म रिलीज हुई। सेंसर बोर्ड ने 55 कट्स लगाए, मगर कहानी का असर कम नहीं हुआ।
पहला शो – जब दर्द आंखों से छलक पड़ा
उदयपुर में पहले शो के दौरान कान्हैयालाल के बेटे यश और तरुण मौजूद थे। अपने पिता की तस्वीर लेकर आए और एक खाली सीट उनके नाम पर छोड़ी। जैसे ही पर्दे पर हत्या का दृश्य आया, पूरा हॉल गमगीन हो गया।
यश ने कहा –
“ये सिर्फ हमारे पिता की कहानी नहीं, ये उन सभी मासूम हिंदुओं की कहानी है, जिन्हें सिर्फ उनकी पहचान के कारण निशाना बनाया गया।”
दर्शकों का गुस्सा और समर्थन
सोशल मीडिया पर लोगों ने फिल्म को “सच्चाई की आंख खोल देने वाली तस्वीर” बताया। कई दर्शकों ने कहा कि यह फिल्म याद दिलाती है कि कट्टरपंथ के खिलाफ समाज को एकजुट होकर खड़ा होना होगा।
विवाद और धमकियों की आंधी
फिल्म के निर्माता अमित जानी को रिलीज के बाद से जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। उन्हें पहले से ही Y-कैटेगरी सुरक्षा दी गई है।