
दुर्ग में 765 एकड़ सरकारी भूमि को बनाया निजी, लोगों ने गिरवी रख लिया लोन…
दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग-भिलाई में एक बड़े जमीन घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। भू-माफियाओं ने भुइयां ऐप के जरिए पटवारी की आईडी हैक कर 765 एकड़ से अधिक सरकारी और निजी जमीन अलग-अलग लोगों के नाम कर दी। डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा है कि चाहे 765 एकड़ हो या 765 इंच, किसी भी गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
जानकारी के अनुसार, यह घोटाला मुरमुंदा पटवारी हल्का के चार गांवों – मुरमुंदा, अछोटी, चेटुवा और बोरसी – में हुआ है।
- मुरमुंदा में 75 हेक्टेयर सरकारी और 22 हेक्टेयर निजी जमीन का फर्जीवाड़ा।
- अछोटी में 45.304 हेक्टेयर सरकारी और 27.087 हेक्टेयर निजी जमीन कब्जाई गई।
- चेटुवा में 87.524 हेक्टेयर सरकारी जमीन पर हेराफेरी।
- बोरसी में 47.742 हेक्टेयर निजी जमीन का गबन।
बैंक में गिरवी रखकर लोन
भू-माफियाओं ने इन जमीनों को बैंक में गिरवी रखकर करोड़ों का लोन ले लिया। 25 जून 2025 को दिनूराम यादव ने 46 लाख का लोन लिया, जबकि 2 जुलाई को एक अन्य व्यक्ति ने 36 लाख रुपए का लोन लिया।
जांच में सामने आया कि यह एक बड़ा सिंडिकेट है, जिसके तार रायपुर, जांजगीर-चांपा, रायगढ़ और कोरबा तक फैले हैं। दिनूराम यादव, एसराम, शियाकांत वर्मा, हरिशचंद्र निषाद, सुरेंद्र कुमार और जयंत समेत कई लोग इसमें शामिल पाए गए।
कमिश्नर बोले – गड़बड़ी सुधार दी गई
दुर्ग संभाग आयुक्त सत्यनारायण राठौर ने बताया कि धारा 115/16 के तहत एसडीएम ने मामला दर्ज कर गड़बड़ी सुधार दी है। एनआईसी से आईडी हैकिंग की तकनीकी जानकारी जुटाई जा रही है, जिसके बाद दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी।
सरकार की सख्ती – 2 पटवारी निलंबित, 18 का तबादला
भुइयां ऐप में छेड़छाड़ कर नए खसरा नंबर बनाने वाले पाटन के पटवारी मनोज नायक और मुरमुंदा के पटवारी कृष्ण कुमार सिन्हा को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही 18 पटवारियों का तबादला भी किया गया है।