
पत्नी की मौत पर रची झूठी कहानी! लाखों के मुआवजे के लिए पति ने किया हाथी हमले का दावा…
अंबिकापुर। सरगुज़ा में गजराज का आतंक ग्रामीणों के साथ वनविभाग के लिए बड़ी परेशानी का सबब बना हुआ है। मगर अब लोग मुआवजे के लिए झूठी शिकायत भी कर रहे है। जिससे वन विभाग की मुश्किल और बढ़ गई है।
दरअसल, मैनपाट के रहने वाले प्रेम साय राठिया की पत्नी सुखवारो बाई को इलाज के लिए अम्बिकापुर के मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था जहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया। पत्नी की मौत के बाद मृतका के पति प्रेम सिंह राठिया ने बयान दर्ज कराया कि उसकी पत्नी और वो 4 तारीख की रात जब घर पर थे तब हाथी उनके घर के पास आ गए और उनसे बचने के लिए जब पति पत्नी भागने लगे तब पत्नी को हाथी ने धक्का दे दिया जिससे पत्नी घायल हो गई और उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई।
हाथी के हमले से मौत के खबर के बाद वनविभाग में भी हड़कंप मच गया। मगर ये बात वन विभाग को हजम नही हो रही कि 4 को मैनपाट के इलाके में हाथी के हमले से मौत कैसे हो सकती है? उस इलाके के रेंजर का कहना है कि हाथियों का दल 2 सितंबर को ही कापू रेंज में चला गया था और उनकी टीम लगातार उसकी निगरानी कर रही थी।
वहीं वनविभाग का कहना है कि 29 अगस्त को सुखवारो बाई के घर को हाथी ने तोड़ा था मगर उस दौरान सुखवारो बाई वहां मौजूद नही थी और घर के मुआवजे का प्रकरण तैयार कर जिला कार्यालय भेजा गया है। मगर हाथी के हमले से मौत को वन विभाग सही नही मान रहा। वनविभाग का कहना है कि हाथी के हमले से मौत पर 6 लाख का मुआवजा मिलता है और इसी मुआवजे के कारण झूठी कहानी बनाई गई है। बहरहाल अभी कुछ समय पहले ही पत्थलगांव इलाके में हाथी के हमले से ग्रामीण की मौत के बाद उसकी 6 पत्नियां मुआवजे के लिए दावा कर रही थी और अब आरोप है कि मुआवजे के लिए शिकायत की जा रही है, जो वन विभाग के लिए एक बड़ी परेशानी का सबब बन गई है।