
CG ब्रेकिंग- शिक्षा विभाग में बड़ी कार्रवाई, मेडिकल बिल घोटाले में संकुल समन्वयक (शिक्षक) सस्पेंड
रायपुर। बिलासपुर जिले में एक बड़ा वित्तीय घोटाला सामने आया है, जिसमें शिक्षक एवं संकुल समन्वयक साधेलाल पटेल पर फर्जी मेडिकल बिल लगाकर लाखों रुपये की प्रतिपूर्ति राशि हड़पने का आरोप साबित हुआ है। इस मामले की जांच के बाद संयुक्त संचालक बिलासपुर ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर द्वारा जारी पत्र क्रमांक क.11069, दिनांक 12 सितंबर 2025 में जांच प्रतिवेदन के आधार पर कई गंभीर अनियमितताओं की पुष्टि की गई है।
जांच में यह पाया गया कि साधेलाल पटेल ने स्वयं, अपनी पत्नी तथा अन्य शिक्षकों के नाम पर फर्जी मेडिकल देयक प्रस्तुत किए, जिनमें वास्तविक बिल राशि में भारी हेरफेर की गई थी।
जांच में उजागर प्रमुख अनियमितताएं:
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स्वयं के नाम पर फर्जी दावा:
साधेलाल पटेल ने अपने नाम से ₹7,73,564 का मेडिकल बिल सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक, बिलासपुर से स्वीकृत कराया, जबकि मेडिकल स्टोर द्वारा जारी वास्तविक बिल मात्र ₹77,000 का था और वह किसी अन्य व्यक्ति ( असीम वर्मा) के नाम पर था। -
सहायक शिक्षक के नाम पर धोखाधड़ी:
उन्होंने उमाशंकर चौधरी, सहायक शिक्षक, प्रा.शा. बन्नाकडीह के नाम पर ₹5,42,535 का बिल स्वीकृत कराया, जबकि असली बिल केवल ₹1,43,000 का था और वह भी किसी अन्य नाम से जारी हुआ था। -
पत्नी के नाम से फर्जी दावा:
अपनी पत्नी राजकुमारी पटेल, प्रधान पाठक, शासकीय प्राथमिक शाला दैहानपारा वैमा, के नाम से उन्होंने ₹4,03,327 का मेडिकल बिल जमा कराया, जबकि वास्तविक देयक केवल ₹47,000 का था। -
मृत शिक्षक के नाम पर धोखाधड़ी:
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि उन्होंने नरेन्द्र कुमार चौधरी, सहायक शिक्षक, बिजौर, जो एक वर्ष पूर्व ही निधन हो चुका था, के नाम से ₹5,33,123 का बिल प्रस्तुत किया, जिसमें वास्तविक बिल राशि मात्र ₹32,000 थी। जांच में पाया गया कि इस देयक में कूटरचना कर राशि में भारी वृद्धि की गई। -
दोहराई गई फर्जी बिलिंग:
इसके अलावा, उन्होंने अपनी पत्नी के नाम से ₹7,32,841 का एक और मेडिकल बिल सिविल सर्जन से स्वीकृत कराया, जबकि वास्तविक रसीद केवल ₹33,000 की थी।
शासन की कार्रवाई:
जांच प्रतिवेदन में सभी आरोपों की पुष्टि होने के बाद, जिला शिक्षा अधिकारी ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1966 के नियम 9(1)(क) के तहत साधेलाल पटेल को निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं।
निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, तखतपुर (जिला बिलासपुर) निर्धारित किया गया है। साथ ही उन्हें नियमों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ता (Subsistence Allowance) प्राप्त होगा।
इस पूरे प्रकरण ने शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा दिया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, यह मामला केवल व्यक्तिगत भ्रष्टाचार का नहीं, बल्कि चिकित्सा प्रतिपूर्ति प्रक्रिया में गहरी अनियमितताओं का संकेत देता है। शासन ने संकेत दिए हैं कि ऐसे सभी संदिग्ध मामलों की समीक्षा और ऑडिट अन्य जिलों में भी कराई जाएगी।