कोरबाछत्तीसगढ़

CG News: कोरबा मेडिकल कालेज अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से छेड़छाड़, इलाज के बहाने….

CG News: कोरबा मेडिकल कालेज अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से छेड़छाड़, इलाज के बहाने….

कोरबा। डाॅक्टर को भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है, लेकिन डाॅक्टर ही अगर हैवानियत पर उतर जाये तो इसे आप क्या कहेंगे। जीं हां कुछ ऐसा ही मामला कोरबा के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सामने आया। यहां एक ट्रेनी डॉक्टर पर अस्पताल के ही एक सीनियर की बुरी नजर पड़ गयी। लिहाजा सीनियर डाॅक्टर ने ट्रेनी डाॅक्टर के साथ जबरन इलाज के नाम पर बेड टच किया गया। डाॅक्टर के इस हरकत से घबराई ट्रेनी डाॅक्टर ने इस मामले की शिकायत मेडिकल कालेज के डीन को करने के साथ ही पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करायी है।

जानकारी के मुताबिक ये पूरा मामला सिविल लाइन थानांतर्गत मेडिकल कालेज अस्पताल का है। यहां आयुष विंग विभाग में पदस्थ सीनियर आयुर्वेदिक डॉक्टर एके मिश्रा पर अस्पताल की ही ट्रेनी डाॅक्टर ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। शिकायतकर्ता ट्रेनी डॉक्टर पिछले 3 माह से इसी विभाग में ट्रेनिंग ले रही है। घटना 2 दिन पहले शनिवार दोपहर की बताई जा रही है। ट्रेनी डॉक्टर के बताया कि वह शनिवार को काम के सिलसिले से डॉक्टर ए.के. मिश्रा के स्टाफ रूम में गई थी। उस समय डॉक्टर मिश्रा और ट्रेनी डॉक्टर के अलावा एक कोई भी स्टाफ कमरें में मौजूद नही था।

पीड़िता ट्रेनी डाॅक्टर का आरोप है कि इसका फायदा उठाते हुए डॉक्टर मिश्रा ने पहले तो उसे अपने पास बुलाया और कहा….तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं लग रही है। मैं चेकअप कर देता हूं। इस दौरान जब ट्रेनी डॉक्टर ने मना किया और कहा कि वह ठीक है, तो सीनियर डॉक्टर ने जबरदस्ती जांच करने की कोशिश करते हुए उसके साथ बैड टच कर छेड़छाड़ करने की कोशिश की। पीड़िता ने बताया कि वह किसी तरह कमरे से बाहर आई और तुरंत इस घटना की शिकायत मेडिकल कॉलेज के डीन से की। इसके बाद पीड़िता ने अपने परिजनों को भी घटना की जानकारी दी।

जिसके बाद परिजन अगली सुबह कोरबा पहुंचे और ट्रेनी डाॅक्टर ने इस घटना की रिपोर्ट सिविल लाइन थाने में दर्ज करायी। पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर सीनियर डाॅक्टर मिश्रा के खिलाफ अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर धारा 354 के तहत मामला दर्ज किया गया है। वहीं दूसरी तरफ मेडिकल कॉलेज के डीन द्वारा भी इस मामले की जांच का आदेश दिया गया है। इसकी जांच आंतरिक निवारण समिति करेगी। जिसमें दोनों पक्षों के बयान दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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