
DPI ने सभी DEO को जारी किया आदेश, हर जिलों में मॉडल स्कूलों के लिए गाइडलाइन जारी
रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी जिलों में विद्यालयों को मॉडल विद्यालय के रूप में विकसित करने की विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश जारी किए हैं। विभाग द्वारा जारी पत्र क्रमांक में /1262/887/2025/20- दो / नया रायपुर, दिनांक 15 अगस्त 2025 और माननीय स्कूल शिक्षा मंत्री की समीक्षा बैठक में दिए गए निर्देशों के अनुपालन में यह निर्णय लिया गया है।
इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक वर्ष लगभग1500 शालाओं को शैक्षणिक एवं भौतिक रूप से मॉडल विद्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा। शासन ने स्पष्ट किया है कि इन विद्यालयों को प्रमुख रूप से शैक्षणिक गुणवत्ता के दृष्टिकोण से सशक्त बनाना प्राथमिक उद्देश्य होगा। इसके साथ ही, आवश्यक न्यूनतम अधोसंरचना का विकास भी किया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण मिल सके।
विभागीय पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि मॉडल विद्यालय की कार्ययोजना बनाते समय कुछ प्रमुख बिंदुओं का पालन अनिवार्य होगा—
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विद्यालय का कक्षावार बेहतर परीक्षा परिणाम सुनिश्चित किया जाए।
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विद्यार्थियों की नियमित उपस्थिति पर विशेष ध्यान दिया जाए।
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शिक्षकों द्वारा गुणवत्तापूर्ण अध्यापन एवं विद्यार्थियों से मधुर संबंध बनाए रखें।
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विद्यार्थियों में अनुशासन और व्यक्तिगत स्वच्छता की आदतों को प्रोत्साहित किया जाए।
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अभिभावकों का विद्यालय से जुड़ाव और सहभागिता बढ़ाई जाए।
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विद्यालयों में आवश्यक न्यूनतम भौतिक अधोसंरचना — जैसे स्वच्छ शौचालय, पुस्तकालय, खेल सामग्री और प्रयोगशालाएं — की व्यवस्था की जाए।
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इसके अतिरिक्त, जिले की परिस्थितियों के अनुरूप अन्य बिंदु भी स्थानीय कार्ययोजना में शामिल किए जा सकते हैं।
शासन ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने जिलों में पीएम श्री विद्यालय, इग्नाइट विद्यालय, सेजेस विद्यालय एवं मुख्यमंत्री डीएवी विद्यालयों को उपरोक्त मानकों के अनुरूप मॉडल विद्यालयों के रूप में विकसित करें।
प्रत्येक जिला शिक्षा अधिकारी को सत्र 2025-26, 2026-27 एवं 2027-28 के लिए विद्यालयवार कार्ययोजना तैयार करनी होगी। इस कार्ययोजना में हर वर्ष की प्राथमिकताएं, विद्यालयवार आवश्यक भौतिक संसाधन और शैक्षणिक सुधार के कदम शामिल होंगे।
शासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि सभी जिले अपनी विस्तृत कार्ययोजना और आवश्यक अधोसंरचना का प्रस्ताव अगले 10 दिनों के भीतर संभागीय संयुक्त संचालक के माध्यम से स्कूल शिक्षा विभाग को भेजें।
इस पहल का उद्देश्य राज्य के शैक्षणिक परिदृश्य में गुणवत्ता सुधार, विद्यालयों में अनुशासन, स्वच्छता और नवाचार को बढ़ावा देना है ताकि छत्तीसगढ़ के विद्यार्थी राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हो सकें।