
शिक्षा विभाग में बड़ी कार्रवाई: घूस मांगने के मामले में सहायक संचालक को किया निलंबित…
रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग ने गंभीर भ्रष्टाचार संबंधी शिकायत के आधार पर जिला बलौदाबाजार-भाटापारा में पदस्थ सहायक संचालक राकेश शर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई शासन द्वारा 3 अक्टूबर 2025 को प्राप्त शिकायत की जांच के बाद की गई है। शिकायत आर. सोमेश्वर राव, सेवानिवृत्त व्याख्याता (शाला शिक्षा विभाग) द्वारा दर्ज कराई गई थी, जिन्होंने आरोप लगाया था कि राकेश शर्मा सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन मामलों में जानबूझकर परेशान कर रहे थे और पेंशन प्रकरणों के निराकरण के लिए धनराशि की मांग कर रहे थे।
शिकायतकर्ता के अनुसार, अधिकारी का व्यवहार दुर्भावनापूर्ण था और वह अपने पद का दुरुपयोग कर कर्मचारियों पर अनुचित दबाव बना रहे थे। आर. सोमेश्वर राव ने शासन को बताया कि उन्होंने कई बार विभागीय स्तर पर शिकायतें दर्ज कराई, लेकिन कार्रवाई नहीं होने पर वे बाध्य होकर औपचारिक शिकायत दर्ज कराने पहुंचे।
राज्य शासन ने शिकायत में लगाए गए आरोपों को गंभीर और भ्रष्ट आचरण की श्रेणी में माना है। इस संबंध में शासन ने कहा कि यह आचरण छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम-3 का उल्लंघन है, जिसमें सरकारी कर्मचारियों को निष्पक्ष, ईमानदार और जनता के प्रति उत्तरदायी व्यवहार करने का दायित्व सौंपा गया है।
शासन ने तत्काल प्रभाव से निलंबन का आदेश जारी किया
राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के प्रावधानों के अंतर्गत राकेश शर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय कार्यालय संभागीय संयुक्त संचालक (शिक्षा), रायपुर निर्धारित किया गया है। शासन ने स्पष्ट किया है कि निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता (subsistence allowance) प्रदान किया जाएगा।
इस संबंध में आदेश अवर सचिव संगीता भौल द्वारा राज्यपाल के नाम से जारी किया गया है। आदेश की प्रतिलिपियाँ संबंधित अधिकारियों — संयुक्त संचालक शिक्षा रायपुर, जिला शिक्षा अधिकारी बलौदाबाजार-भाटापारा, और लेखा विभाग — को भेजी गई हैं ताकि निलंबन आदेश का तत्काल पालन सुनिश्चित किया जा सके।
भ्रष्टाचार पर सख्त रुख
शासन ने इस कार्रवाई को प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम बताया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, निलंबन के साथ-साथ राकेश शर्मा के खिलाफ विस्तृत विभागीय जांच भी शुरू की जा रही है। जांच का उद्देश्य यह पता लगाना है कि क्या शिकायत में लगाए गए आरोपों का आधार दस्तावेज़ी रूप से भी सही पाया जाता है।
शासन की चेतावनी
स्कूल शिक्षा विभाग ने कहा है कि भ्रष्टाचार या अनुचित आचरण में लिप्त किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों के अधिकारों में किसी भी प्रकार की बाधा या विलंब को गंभीरता से लिया जाएगा।