
CM के कार्यक्रम में मचा हड़कंप, दहेजलोभी पति की शिकायत लेकर पत्नी पहुंची सभास्थल, तहसीलदार पर दहेज प्रताड़ना और जबरन गर्भपात का आरोप…
अंबिकापुर। सरगुजा में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, रेनू गुप्ता नामक युवती ने तहसीलदार राहुल गुप्ता पर दहेज प्रताड़ना, घरेलू हिंसा और जबरन गर्भपात कराने का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़िता ने मुख्यमंत्री के कार्यक्रम स्थल में पहुंचकर अपनी आपबीती बताई, जिसके बाद पुलिस ने हस्तक्षेप करते हुए उसे समझाया और सुरक्षित स्थान पर भेजा। मामला अब पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है।
पीड़िता रेनू गुप्ता ने बताया कि उसकी शादी वर्ष 2022 में तहसीलदार राहुल गुप्ता से हुई थी। शादी के बाद वह मात्र 49 दिनों तक ही अपने ससुराल में रह पाई। इस दौरान उसे लगातार मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। रेनू का आरोप है कि उसके पति ने उससे दहेज में एक करोड़ रुपये की मांग की, और जब यह मांग पूरी नहीं हुई, तो उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया गया।
रेनू ने यह भी आरोप लगाया कि प्रताड़ना के दौरान उसके साथ जबरन गर्भपात भी कराया गया। इस अमानवीय व्यवहार के खिलाफ उसने महिला थाना में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने तहसीलदार राहुल गुप्ता को काउंसलिंग के लिए नोटिस भेजा था। हालांकि, नोटिस जारी होने के बावजूद तहसीलदार उपस्थित नहीं हुए।
मुख्यमंत्री कार्यक्रम में पहुंची पीड़िता:
थक-हारकर न्याय की तलाश में रेनू गुप्ता मंगलवार को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गई। उसने वहां अधिकारियों के सामने अपने साथ हुए अत्याचार की पूरी कहानी सुनाई। मौके पर मौजूद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने उसे समझाया और सुरक्षा के मद्देनज़र कार्यक्रम स्थल से बाहर भेजा।इस घटना के बाद से स्थानीय प्रशासन और महिला संगठन सक्रिय हो गए हैं। कई सामाजिक संगठनों ने तहसीलदार पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
रेनू गुप्ता का बयान:
पीड़िता ने मीडिया से कहा —
“मेरी शादी के बाद मुझसे दहेज में एक करोड़ रुपये मांगे गए। जब मैंने इंकार किया तो मुझे रोज़ प्रताड़ित किया जाने लगा। गर्भवती होने के बाद मुझसे जबरन गर्भपात कराया गया। मुझे न्याय चाहिए, इसलिए मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में अपनी बात रखने पहुंची थी।”
महिला थाना और प्रशासन की कार्रवाई:
रेनू गुप्ता की शिकायत पर महिला थाना अंबिकापुर ने पहले ही जांच शुरू कर दी थी। काउंसलिंग के लिए जारी नोटिस पर तहसीलदार के नहीं पहुंचने के बाद अब पुलिस अगली कार्रवाई की तैयारी में है। मामले को गंभीर मानते हुए पुलिस सूत्रों ने बताया कि यदि आरोपी अधिकारी जांच में सहयोग नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सकती है।



