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रायपुर क्राइम ब्रांच के आरक्षक प्रशांत शुक्ला बर्खास्त, चेकिंग के दौरान कारोबारी के कार से उड़ाए थे रूपए

रायपुर क्राइम ब्रांच के आरक्षक प्रशांत शुक्ला बर्खास्त, चेकिंग के दौरान कारोबारी के कार से उड़ाए थे रूपए

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पुलिस की साख पर सवाल उठाने के मामले में बड़ा एक्शन हुआ है। दुर्ग के एक कारोबारी की कार से 2 लाख रुपये चोरी के मामले में रायपुर क्राइम ब्रांच के निलंबित आरक्षक प्रशांत शुक्ला को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। रायपुर एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह ने यह कार्रवाई की है।

यह मामला धनतेरस के दिन का है, जब धमतरी निवासी कारोबारी मयंक गोस्वामी, जो एक बाइक शो-रूम के मालिक हैं, अपने घर दुर्ग लौट रहे थे। रास्ते में उनकी कार को रायपुर क्राइम ब्रांच की टीम ने चेकिंग के बहाने रोक लिया। कारोबारी के अनुसार, बिना किसी सूचना या नोटिस के पुलिस टीम ने उनकी कार की तलाशी शुरू कर दी। तलाशी के दौरान कार में रखे 2 लाख रुपये गायब हो गए।

कारोबारी ने जब यह रकम गायब पाई तो उन्होंने अपने घर और दुकान के बाहर लगे CCTV कैमरों की जांच की। फुटेज में साफ देखा जा सकता था कि चेकिंग के दौरान पुलिस टीम के कुछ सदस्य कार से कुछ निकालते हुए नजर आ रहे हैं। इसके बाद कारोबारी ने दुर्ग एसएसपी विजय अग्रवाल को शिकायत दी और फुटेज भी सौंपे।

शिकायत के बाद रायपुर क्राइम ब्रांच के कुल 6 पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच शुरू की गई। इनमें प्रशांत शुक्ला, धनंजय गोस्वामी, प्रमोद वट्टी, अमित, वीरेंद्र भार्गव और एक अन्य जवान शामिल हैं। शुरुआती जांच में प्रशांत शुक्ला की संलिप्तता प्रमाणित होने पर उन्हें पहले निलंबित किया गया था, जिसे अब बर्खास्तगी में बदल दिया गया है।

एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह ने कहा कि पुलिस विभाग में अनुशासन और ईमानदारी सर्वोपरि है। किसी भी अधिकारी या जवान द्वारा की गई आपराधिक या अनुशासनहीन हरकत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अन्य पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच जारी है और दोष सिद्ध होने पर उनके खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।

उधर, क्राइम ब्रांच की टीम का कहना है कि उन्हें 18 अक्टूबर की रात एक संदिग्ध कार की सूचना मिली थी, जो रायपुर से कुम्हारी की ओर जा रही थी। टीम ने कार का पीछा किया, लेकिन वाहन पुलिस को चकमा देकर निकल गया। इसी दौरान टीम पद्मनाभपुर (दुर्ग) इलाके में पहुंची, जहां कारोबारी की कार की जांच की गई। हालांकि, जांच में स्पष्ट हुआ कि कार से नकदी गायब होने की घटना के पीछे टीम के ही कुछ सदस्य शामिल थे। इस खुलासे के बाद पुलिस विभाग ने तत्काल कार्रवाई शुरू की।

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