छत्तीसगढ़

प्रधान पाठक सस्पेंड: हिमाकत ऐसी कि, नोटिस तक नहीं लिया, पति के साथ आश्रम में रहने, कर्मचारियों से अभद्रता व लापरवाही पर सस्पेंड

प्रधान पाठक सस्पेंड: हिमाकत ऐसी कि, नोटिस तक नहीं लिया, पति के साथ आश्रम में रहने, कर्मचारियों से अभद्रता व लापरवाही पर सस्पेंड

बलरामपुर। जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) मनीराम यादव ने एक बार फिर सख्त रुख अपनाते हुए शासकीय प्राथमिक शाला कन्या आश्रम, पशुपतिपुर (विकासखंड वाड्रफनगर) की प्रधान पाठक सुमित्रा सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उनके विरुद्ध लगातार मिल रही शिकायतों, व्यवहारगत अनियमितताओं और आश्रम संचालन में गंभीर लापरवाही की पुष्टि होने के बाद यह कठोर कदम उठाया गया है। निलंबन आदेश जारी होने के साथ ही शिक्षा विभाग और स्थानीय प्रशासनिक तंत्र में हलचल मच गई है।

वाड्रफनगर विकासखंड के पशुपतिपुर स्थित कन्या आश्रम की प्रधान पाठक सुमित्रा सिंह को बच्चों के भोजन में लापरवाही, कर्मचारियों के प्रति अपमानजनक व्यवहार, सरकारी आवास नियमों के उल्लंघन और प्रभारमुक्त होने के बाद भी भंडार कक्ष को कब्जे में रखने के आरोप में डीईओ ने निलंबित कर दिया है। जांच में दोषी पाए जाने और कारण बताओ नोटिस लेने से इंकार के बाद यह कार्रवाई की गई।

शिकायतों की पुष्टि, जांच में सामने आई गंभीर अनियमितताएँ

सूत्रों के अनुसार, सुमित्रा सिंह के खिलाफ लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही थीं। शिक्षकों और कर्मचारियों द्वारा दिए गए बयान तथा प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कई गंभीर अनियमितताएँ पाई गईं।

जांच रिपोर्ट में उल्लेखित प्रमुख बिंदु:

  • कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार व मानसिक प्रताड़ना

  • संस्था में अनुशासनहीन माहौल

  • छात्राओं के लिए खाद्य सामग्री की मानक मात्रा उपलब्ध नहीं कराना, जिससे उनके पोषण पर प्रभाव

  • बच्चों की आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में बाधा

जांच समिति ने माना कि इस प्रकार का आचरण शैक्षणिक माहौल, छात्रावास व्यवस्था और बच्चों की सुरक्षा एवं कल्याण के प्रतिकूल है।

शासन निर्देशों का उल्लंघन — आवास का दुरुपयोग

रिपोर्ट में सबसे गंभीर बिंदुओं में से एक यह भी था कि शासन के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद प्रधान पाठक अपने पति के साथ अधीक्षक आवास में निवास कर रही थीं, जो नियमों के विरुद्ध है।

इसके अलावा, जब 24 सितंबर 2025 को उन्हें प्रभारमुक्त कर दिया गया, तब भी उन्होंने आश्रम के भंडार कक्ष को ताला लगाकर अपने कब्जे में बनाए रखा, जिसके कारण छात्राओं को दैनिक उपयोग की सामग्री वितरण में बाधा उत्पन्न हुई।

नोटिस लेने से किया इंकार, सख्त हुए डीईओ

कार्यालयीन पत्र क्रमांक 12740/रामानुजगंज, दिनांक 31 अक्टूबर 2025 के तहत श्रीमती सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।

लेकिन रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने न केवल उत्तर देने में असहयोग किया बल्कि नोटिस लेने से ही इंकार कर दिया, जिसे विभाग ने गंभीर अनुशासनहीनता माना।

जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर उनके आचरण को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम-3 का उल्लंघन माना गया है।

इसी आधार पर डीईओ मनीराम यादव ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1966 के नियम 9(1)(क) के तहत निलंबन आदेश जारी किया।

निलंबन अवधि में मुख्यालय व भत्ते की व्यवस्था

निलंबन अवधि के दौरान सुमित्रा सिंह का मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, रामचन्द्रपुर निर्धारित किया गया है।उन्हें नियमों के तहत जीवन निर्वाह भत्ता (Subsistence Allowance) दिया जाएगा।

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