
शिक्षकों की दबंगई : शिक्षकों ने की ट्यूशन टीचर से मारपीट, ट्यूशन का प्रचार करने पर भड़के शिक्षक…
बिलासपुर। शिक्षकों द्वारा मारपीट और दबंगई जैसा व्यवहार सामने आने पर बिलासपुर शहर में नाराजगी की लहर है। तारबाहर थाना क्षेत्र में स्थित सीएमडी चौक के पास एक होम ट्यूटर की सरेआम पिटाई के मामले ने पूरे शहर में चर्चा छेड़ दी है। आरोप है कि आचार्या कोचिंग क्लासेज के दो शिक्षकों ने मिलकर एक ट्यूटर को केवल इस संदेह में पीटा कि वह उनके छात्रों से अपनी ट्यूशन का प्रचार कर रहा था।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
मंगलवार शाम लगभग 6 बजे के आसपास पीड़ित ट्यूटर अपने कुछ छात्रों से बातचीत कर रहा था। उसी दौरान आचार्या कोचिंग क्लासेज से जुड़े शिक्षक आदिल और सर्वेस वहां पहुंचे। उन्होंने बातचीत का अर्थ गलत निकालते हुए ट्यूटर पर आरोप लगाना शुरू कर दिया कि वह उनके संस्थान के छात्रों को अपनी ट्यूशन की तरफ आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है। देखते ही देखते मामूली बहस ने विवाद का रूप ले लिया और दोनों शिक्षकों ने युवक के साथ धक्का-मुक्की और फिर मारपीट शुरू कर दी। इस दौरान युवक ने कई बार खुद को बचाने की कोशिश की, लेकिन आरोपित शिक्षकों पर इसका कोई असर नहीं हुआ।
स्थानीय लोगों ने बीच-बचाव किया, फिर भी जारी रही पिटाई
घटना स्थल पर मौजूद लोगों ने जब मारपीट देखी तो हस्तक्षेप कर शिक्षकों को रोकने की कोशिश की। हालांकि, दोनों आरोपी शिक्षकों ने लोगों की बात अनसुनी कर ट्यूटर को धमकाते हुए कहा कि वह दोबारा उस इलाके में दिखाई न दे, वरना इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इस घटना को लेकर लोगों में गुस्सा फैल गया है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि—
“शिक्षकों का काम ज्ञान देना है, छात्रों में मूल्य और अनुशासन की भावना पैदा करना है। अगर वही शिक्षक सड़कों पर गुंडों जैसा व्यवहार करेंगे तो समाज बच्चों को क्या संदेश देगा?”
शिक्षा जगत की छवि पर दाग
लोगों का मानना है कि शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा होना गलत नहीं है, लेकिन इसे अनुशासन और गुणवत्ता के स्तर पर होना चाहिए। शहरवासियों का कहना है कि कोचिंग संस्थानों के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा अब आपसी वैमनस्य तक पहुंच गई है, जो शिक्षा के पवित्र क्षेत्र को बदनाम कर रही है।
पुलिस जांच में जुटी
घटना की जानकारी मिलने के बाद तारबाहर थाना पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पीड़ित ट्यूटर से बयान लिया जा रहा है और वीडियो फुटेज भी एकत्र किए जा रहे हैं। स्थानीय लोगों ने कड़ी कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में कोई शिक्षक या संस्थान अपनी प्रतिस्पर्धा की आड़ में इस तरह का बर्ताव न करे।



