
सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी: जॉइनिंग लेटर और आईडी कार्ड सब मिल गया, जाइनिंग के दिन पता चला कि भर्ती निकली फर्जी…
रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में ठगी का एक बड़ा मामला सामने आया है जिसने पुलिस और प्रशासन दोनों को हैरान कर दिया है। खुद को भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय से जुड़ा अधिकारी बताने वाले एक शातिर ठग ने युवाओं को सरकारी नौकरी और पद दिलाने का झांसा देकर 35 लाख रुपये की ठगी कर डाली। यह पूरा मामला “एमएसएमई प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया” नाम की संस्था के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया दिखाकर अंजाम दिया गया।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, आरोपी की पहचान विजय कुमार चौरसिया के रूप में हुई है, जिसने खुद को दिल्ली निवासी बताया। बताया जा रहा है कि रायपुर के एक नामी होटल में आरोपी की मुलाकात दो युवकों से हुई थी। वहां उसने खुद को एमएसएमई मंत्रालय से जुड़ा अधिकारी बताते हुए दोनों युवकों को “एमएसएमई प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया” में शामिल करने की पेशकश की। उसने एक युवक को वाईस चेयरमैन और दूसरे को चेयरमैन बनाए जाने का लालच दिया। इसके एवज में दोनों से लाखों रुपये वसूल लिए।
भरोसा जमाने के लिए उन्हें नियुक्ति पत्र तक दिया
ठग ने भरोसा जमाने के लिए उन्हें नियुक्ति पत्र और आधिकारिक आईडी कार्ड भी सौंप दिए, जिन पर भारत सरकार के नाम और लोगो का दुरुपयोग किया गया था। शुरुआत में दोनों युवकों को सब कुछ वास्तविक लगा, लेकिन जब उन्होंने रायपुर स्थित एमएसएमई कार्यालय जाकर जानकारी ली, तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई, सभी दस्तावेज फर्जी निकले।
अभनपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई
घटना की जानकारी मिलते ही पीड़ित युवकों ने अभनपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। पुलिस अब आरोपी के ठिकानों और संभावित साथियों की तलाश में जुटी है। शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी ने सरकारी नाम का दुरुपयोग कर राज्य के अन्य जिलों में भी ऐसे फर्जी वादे किए थे।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपी ने जिस संस्था “एमएसएमई प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया” के नाम पर ठगी की, वह किसी भी रूप में भारत सरकार के माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज मंत्रालय (MSME Ministry) से मान्यता प्राप्त नहीं है। यह संस्था पूरी तरह फर्जी निकली है।
अभनपुर पुलिस ने बताया कि यह ठगी अत्यंत सुनियोजित तरीके से की गई। आरोपी पहले अपनी पहचान मजबूत करने के लिए सरकारी डाक्यूमेंट्स जैसे लैटरहेड, आईडी कार्ड, और लोगो का इस्तेमाल करता था ताकि सामने वाले को भरोसा हो सके। उसके बाद वह युवाओं को ऊंचे पदों और मोटी सैलरी का लालच देकर रकम ऐंठ लेता था।



