
नसबंदी ऑपरेशन के दौरान दो महिलाओं की संदिग्ध मौत, परिजनों का गंभीर आरोप, दवाओं के रिएक्शन की आशंका, जांच के आदेश
दुर्ग। प्रदेश में शासकीय रैंकिंग में लगातार शीर्ष पर माना जाने वाला जिला अस्पताल दुर्ग इन दिनों गंभीर आरोपों और सवालों के घेरे में है। शनिवार को यहां नसबंदी (ट्यूबल लिगेशन) ऑपरेशन के दौरान दो महिलाओं की तबीयत बिगड़ने से उनकी मौत हो गई। परिजनों ने इसे मेडिकल टीम की लापरवाही बताया है, जबकि अस्पताल प्रशासन ने मामले को दवाओं के संभावित एनेस्थीसिया रिएक्शन से जुड़ा बताया है। घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन में हड़कंप मच गया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
कैसे हुआ हादसा?
पहली महिला, पूजा यादव (27), निवासी बजरंग नगर, दुर्ग नसबंदी ऑपरेशन के लिए जिला अस्पताल पहुंची थीं। ऑपरेशन के दौरान ही उनकी हालत अचानक बिगड़ने लगी। उन्हें शरीर में तेज झटके आने लगे और मांसपेशियों में अकड़न महसूस हुई। मेडिकल टीम ने तुरंत उन्हें आईसीयू में भर्ती किया, लेकिन कुछ ही देर बाद उनकी मौत हो गई। पूजा यादव अपने पीछे दो छोटे बच्चों को छोड़ गई हैं। परिजन सदमे में हैं और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
दूसरी महिला, किरण यादव (30), निवासी सिकोला भाटा, ने उसी दिन सुबह सिजेरियन ऑपरेशन के जरिए एक बच्चे को जन्म दिया। ऑपरेशन के बाद जब उनकी नसबंदी की जा रही थी, तो उन्हें भी अचानक पूजा की तरह झटके आने लगे। हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया, लेकिन शाम तक उन्होंने भी दम तोड़ दिया। किरण का नवजात शिशु उससे मातृत्व का साया खो बैठा है, जिसने परिवार को गहरे शोक में डाल दिया है। परिजनों का कहना है कि किरण पूरी तरह स्वस्थ थीं, लेकिन दवाओं के गलत इस्तेमाल या लापरवाही से उनकी जान गई।
दवाओं पर शक, नमूने जांच के लिए भेजे गए
सिविल सर्जन डॉ. आशीषन मिंज ने बताया कि प्रारंभिक जांच में आशंका जताई जा रही है कि दोनों महिलाओं के साथ हुई घटना किसी दवा या एनेस्थीसिया रिएक्शन के कारण हुई हो सकती है।
डॉ. मिंज के अनुसार —
पूजा को ऑपरेशन के दौरान Bupivacaine (3 ml), Midan (1 mg) और 2 RL (Ringer Lactate) दिया गया।
किरण को Bupivacaine (2.2 ml), Oxytocin (10 IU), 2 RL और 1 DNS दिया गया।
दवाओं के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं और रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट कारण सामने आएगा।
9 सर्जरी में 2 मौतें, टीम पर सवाल
शनिवार को अस्पताल की मदर-चाइल्ड यूनिट में कुल 9 सर्जरी की गईं। इनमें से एक मात्र पूजा की नॉर्मल नसबंदी थी, जबकि किरण की सिजेरियन के साथ नसबंदी की गई। बाकी की 7 महिलाओं की सर्जरी पूरी तरह सफल रही और वे सुरक्षित हैं।
ऑपरेशन टीम में शामिल डॉक्टर:
डॉ. उज्जवला देवांगन
डॉ. विनीता ध्रुवे
डॉ. रिंपल (स्त्री रोग विशेषज्ञ)
डॉ. पूजा वर्मा (एनेस्थेटिस्ट)
परिजनों का आरोप और प्रशासन की कार्रवाई
मृतक महिलाओं के परिवारजनों ने अस्पताल प्रशासन पर घोर लापरवाही, गलत दवाओं और डॉक्टरों की उदासीनता का आरोप लगाया है। परिजनों के आक्रोश को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन और पुलिस को मौके पर हस्तक्षेप करना पड़ा।सिविल सर्जन ने मेडिकल विशेषज्ञों की एक टीम गठित कर जांच शुरू की है और रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय होगी। यह घटना स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर भी गंभीर सवाल उठाती है। प्रदेश में अव्वल रैंक प्राप्त करने वाले अस्पताल की इस चूक ने सिस्टम की विश्वसनीयता पर बड़ा प्रश्नचिह्न लगा दिया है। अब सबकी निगाहें जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो यह स्पष्ट करेगी कि यह चूक, लापरवाही, या मेडिकल नेग्लिजेंस का मामला है।



