
फिल्टर प्लांट की टंकी में तैरता रहा शव, हजारों लोगों ने पिया दूषित पानी; नगर निगम की लापरवाही पर फूटा जन-आक्रोश..
दुर्ग। दुर्ग में नगर निगम की लापरवाही ने हजारों लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा खड़ा कर दिया है। फिल्टर प्लांट की पानी टंकी से एक सड़ी-गली लाश मिलने के बाद शुद्ध पेयजल सप्लाई के दावे पूरी तरह एक्सपोज हो गए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, 3 से 4 दिनों तक लाश फिल्टर हुए पानी की टंकी में तैरती रही, लेकिन नगर निगम प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी। इसी दौरान शिक्षक नगर, पचरी पारा और सिविल लाइन इलाके की पानी टंकियों में इसी दूषित पानी की सप्लाई की जाती रही, जिससे हजारों परिवार प्रभावित हुए हैं।
दूषित पानी पीने से बढ़ा संक्रमण का खतरा
इन इलाकों में रहने वाले लोगों ने अनजाने में तीन दिनों तक इस दूषित पानी का उपयोग किया — पीने, खाना बनाने और घरेलू कार्यों के लिए। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे पानी के सेवन से फूड पॉइजनिंग, गैस्ट्रो, त्वचा संक्रमण और अन्य जलजनित रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
नगर निगम की बड़ी चूक, शहर में उबाल
घटना सामने आने के बाद शहर में हड़कंप मच गया है। लोग पूछ रहे हैं कि इतना बड़ा हादसा होने के बाद भी निगम प्रशासन पर कब और क्या कार्रवाई होगी?
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि फिल्टर प्लांट की नियमित जांच न होने और निगरानी व्यवस्था की कमी के कारण यह शर्मनाक स्थिति पैदा हुई।
प्रशासन पर उठ रहे मुख्य सवाल:
- टंकी की मॉनिटरिंग कौन कर रहा था?
- 3 दिन तक लाश तैरती रही, किसी कर्मचारी को कैसे पता नहीं चला?
- जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई कब होगी?
जनता कड़ी कार्रवाई की मांग पर अड़ी
शहरभर में आक्रोश है, लोग दोषियों पर निलंबन, बर्खास्तगी और FIR की मांग कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने भी घटना को गंभीर मानते हुए प्रभावित इलाकों में मेडिकल टीमें भेजने की तैयारी की है।
यह घटना न केवल नगर निगम की लापरवाही को उजागर करती है बल्कि पेयजल सुरक्षा पर भी बड़ा सवाल खड़ा करती है।



